निजी नर्सिंग होम : स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट पर कोर्ट को एेतराज

निजी नर्सिंग होम : स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट पर कोर्ट को एेतराज

Bhaskar Hindi
Update: 2017-09-14 09:46 GMT
निजी नर्सिंग होम : स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट पर कोर्ट को एेतराज

डिजिटल डेस्क,मुंबई। बॉम्बे हाईकोर्ट ने निजी नर्सिंग होम को लेकर स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट पर एेतराज जताया है। कहा है कि नियमों के खिलाफ चल रहे निजी नर्सिंग होम व अस्पतालों का सिर्फ मुआयना कर रिपोर्ट देने को कार्रवाई करना नहीं माना जा सकता है। लिहाजा अगली सुनवाई के दौरान राज्य के सार्वजनिक स्वास्थ्य विभाग के निदेशक स्पष्ट करे कि नियमों के विपरीत चल रहे निजी नर्सिंग होम के खिलाफ क्या कार्रवाई की गई है? मुख्य जस्टिस मंजुला चिल्लूर व जस्टिस नितिन जामदार की खंडपीठ ने सामाजिक कार्यकर्ता अतुल भोसले की ओर से दायर जनहित याचिका पर सुनवाई के बाद यह निर्देश दिया।

इस दौरान सरकार की ओर से पेश हलफनामे पर गौर करने के बाद खंडपीठ ने खिन्नता जाहिर करते हुए कहा कि सरकार ने सिर्फ नियमों का उल्लंघन करनेवाले निजी अस्पतालों का मुआयना करने की जानकारी दी है। इन अस्पतालों के खिलाफ क्या कार्रवाई की गई है? इसके बारे में एक शब्द नहीं लिखा है। इसलिए नियमों का उल्लंघन करके चल रहे निजी अस्पतालों का सिर्फ मुआयना कर रिपोर्ट देने को ऐसे अस्पतालों के खिलाफ अभियान शुरू होना नहीं माना जा सकता है। खंडपीठ ने कहा कि सरकार आश्वस्त करे कि, अस्पताल व नर्सिंग होम चलाने से जुड़े सभी नियमों का पालन किया जाए और अस्पतालों में सभी जरूरी सुविधाएं व संसाधन मौजूद हो। सरकारी अधिकारी इस मामले में गंभीरता दिखाए। क्योंकि ऐसे मामले में उनकी लापरवाही को उचित नहीं  माना जा सकता है। खंडपीठ ने आगामी 15 सितंबर को सार्वजनिक स्वास्थ्य विभाग के निदेशक को स्पष्ट करने को कहा है कि नियमों के खिलाफ चलनेवाले निजी अस्पतालों व नर्सिंग होम के खिलाफ क्या कार्रवाई की गई है? 

याचिका में दावा किया गया है कि निजी नर्सिंग होम व अस्पतालों का नियमों के विपरीत व जरुरी सुविधाओं तथा संसाधन के अभाव में चलना मरीजों के हित में नहीं है। यह लोगों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ है। 
हलफनामे में यह दी जानकारी  सरकारी की ओर से दायर किए गए हलफनामे में कहा गया है कि, सरकार ने बिना जरुरी लाइसेंस के चलनेवाले निर्जी नर्सिंग होम के खिलाफ अभियान चलाया है। ऐसे नर्सिंग होम का अचानक दौरान करने के लिए एक विशेष कमेटी बनाई गई है। मार्च 2017 में सरकार ने वैध लाइसेंस के बगैर चल रहे निजी अस्पतालों के खिलाफ कड़ा अभियान चलाया है।

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