खरीफ में कपास-तुअर-तिलहन और रबी में गेहूं, चना फसल रहेगी अच्छी
अनुमान खरीफ में कपास-तुअर-तिलहन और रबी में गेहूं, चना फसल रहेगी अच्छी
डिजिटल डेस्क, जलगांव। पूरे विदर्भ में प्रख्यात एवं जनसामान्य में मान्यता प्राप्त जलगांव जा. तहसील के भेंडवल की घट रचना का अनुमान बुधवार ४ मई को घोषित किया गया। जिसमें राजा कायम रहेगा, बारिश अच्छी रहेगी, लेकिन पहले दो माह बारिश कम-अधिक रह सकती है। इस साल रोगों का प्रमाण कम रहेगा, ऐसी भविष्यवाणी घोषित की गई हैं। करीब ३५० सालों की परम्परागत अक्षय तृतीया को भेंडवल में घट रचना की जाती है। फिर दूसरे दिन सूर्योदय के पहले भविष्यवाणी घोषित की जाती हैं। इस दिन किसान, व्यापारी तथा राजनेता समेत सभी नागरिक बड़े पैमाने पर उपस्थित रहते हैं। इस साल रोगों का प्रकोप कम रहने का अनुमान सभी को राहत देने वाला है। समाधानकारक तथा राहत देने वाला वर्ष रहेगा, ऐसा घोषित किया है। इस भविष्यवाणी की विशेषता अर्थात समाधानकारक बारिश, समुद्र में अच्छी मात्रा में पानी, खरीफ एवं रबी दोनों फसल अच्छी एवं अंबाड़ी कुलदैवता स्थिर होने से समाधानकारक वर्ष रहेगा। लेकिन विगत वर्ष के अनुसार पूरी पृथ्वी, गूजिया रूपी खजाना अदृश्य होने से पृथ्वी पर संकट एवं आर्थिक संकट बरकरार रहेगा। स्व. चंद्रभान महाराज ने शुरू की यह भविष्यवाणी उनके वंशज पुंजाजीबुवा वाघ एवं सारंगधर वाघ ने आगे शुरू रखी है।
गांव के बाहर स्थित खेत में अक्षय तृतीया के दिन २० फीट का सर्कल तैयार कर उसके बीचोंबीच दो बाई दो का एक फीट का गड्ढा कर उसमें चार मिटटी के ढेकलों पर पानी से भरी गागर रखी जाती है। उसकी बगल मेंं जमीन पर बीड़े के पान पर सिक्का एवं पूजा की सुपारी राजा का प्रतीक रखा जाता है। गागर पानी से भरकर, उस पर पूड़ी, वड़ा, पप्पड़, कुरडई, चावल की कुरडई, गूजिया रखी जाती है। इस गड्ढे से छह से सात फीट दूरी पर गोलाकार में अंबाड़ी, सरकी, ज्वार, तुअर, मूंग, उड़द, तिल, भादली, बाजरी, मठ, जौ, जवस, लाख, वटाणा, गेहूं, चना, करडी (सैन), मसूर आदि १८ प्रकार के अनाज रखकर उसमें हुए बदलाव का निरीक्षण कर उस पर अनुमान लगाया जाता हैं। जिसमें अंबाड़ी कायम स्थिर होने से, जो कुलदेवता का प्रतीक है; स्थैर्य रहेगा। कपास, तुअर, तिलहन अच्छी फसलें हैं। उसी के साथ रबी फसल में गेहूं, चना भी अच्छा रहेगा। अच्छी बारिश का हर साल के अनुभव से अनुमान है। उसी तरह भादली रोगराई प्रतीक बहुत, नगण्य बिखरा नजर आया। जिससे रोगों का प्रकोप कम रहने का अनुमान है। पूड़ी, वड़ा, भुजिया, लेकिन लगातार विगत तीन सालों से गायब होने से प्रकृति का प्रकोप बताता है, मसूर बिखरा हुआ, शत्रु की कार्रवाई शुरू रहेगी।
बारिश का अनुमान
जून में साधारण, कहीं कम, कहीं पर अधिक, जुलाई में कम, अगस्त में अच्छी बारिश, सितम्बर में अधिक बारिश रहेगी।
समंदर में बड़े पैमाने पर पानी, भू-जलस्तर अच्छा, उसी तरह कुछ राहतदायक अनुमान बुधवार को भेंडवल की भविष्यवाणी में बताया गया है।