Jalgaon News: प्रकाश अंबेडकर ने कहा मराठों को ओबीसी नहीं, अलग से ही मिलना चाहिए आरक्षण
- आरक्षण के मुद्दे पर ही लड़ा जाएगा विधानसभा चुनाव
- प्रकाश अंबेडकर का आहवान
- मराठों को ओबीसी नहीं, अलग से ही आरक्षण मिलना चाहिए
- चारों पार्टियां एक मुद्दे पर एकमत
Jalgaon News : विधानसभा चुनाव में ओबीसी आरक्षण का मुद्दा अहम रहेगा। चोपड़ा में पत्रकारों से बात करते हुए प्रकाश अंबेडकर ने कहा कि राज्य में ऐसी स्थिति पैदा हो गई है कि चुनाव उन्हीं के इर्द-गिर्द घूमेगा और इसी मुद्दे पर लड़ा जाएगा। उन्होंने रुख स्पष्ट करते हुए कहा कि अगर सरकार मराठा आरक्षण देना चाहती है, तो अलग से दे। ओबीसी से आरक्षण न दे।
राज्य के विभिन्न आदिवासियों को एक साथ लाकर चोपड़ा में आदिवासी शक्ति अधिग्रहण सम्मेलन आयोजित किया गया। इससे पहले पत्रकारों से बात करते हुए प्रकाश अंबेडकर ने कहा कि राज्य में होने वाले चुनाव में आरक्षण का मुद्दा अहम होगा। कहा जा रहा है कि चुनाव इसी के आसपास लड़ा जाएगा, उन्होंने कहा कि बेरोजगारी, महंगाई, कृषि आधारित कीमतें, कृषि वस्तुओं के दाम जैसी आम जनता की समस्याओं पर चर्चा नहीं हो रही है। ओबीसी का आरक्षण ओबीसी के लिए ही रहना चाहिए।
ओबीसी के मुद्दे पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि यह एक प्रमुख मुद्दा बन गया है। क्योंकि सरकार ने जरांगे पाटिल की मांग पर ध्यान दिया। इसका समाधान नहीं किया। जरांगे पटल के ओबीसी की ओर से आरक्षण की मांग पर राजनीतिक दलों ने, तो कोई स्टैंड नहीं लिया है। लेकिन, ओबीसी संगठनों ने स्टैंड ले लिया है। उसने यह रुख अपनाया है कि मराठा समुदाय को ओबीसी कोटे से आरक्षण नहीं दिया जाना चाहिए, उन्हें हमारा पूरा समर्थन है।
चारों पार्टियां एक मुद्दे पर एकमत
प्रकाश अंबेडकर ने बताया कि अगर सरकार मराठों को आरक्षण देना चाहती है, तो उन्हें मराठों को अलग से आरक्षण देना चाहिए। चारों पार्टियां एक मुद्दे पर एकमत हैं। आरक्षण की राजनीति जारी रहेगी। लेकिन, कांग्रेस, एनसीपी, उबाठा और बीजेपी सभी एक मुद्दे पर एकमत हैं। इस दौरान प्रकाश अंबेडकर ने आरोप लगाया कि इन चारों पार्टियों का मानना है कि आरक्षण हमेशा के लिए खत्म हो जाना चाहिए। हालांकि, वंचित बहुजन अाघाड़ी आरक्षण के लिए लड़ाई जारी रखेगी। आरक्षण बचाने की हमारी नीति बनी रहेगी। चुनाव में ध्रुवीकरण होगा। एक आरक्षण पक्ष पर और दूसरा उस पक्ष पर जहां आरक्षण खत्म होना चाहिए। उन्होंने कहा कि ओबीसी फैक्टर आरक्षण को पढ़ने के लिए नेतृत्व करेगा, जबकि मराठा समुदाय आरक्षण के खिलाफ नेतृत्व करेगा।