नागपुर मनपा बजट पर कोरोना का साया, कोई बड़ी घोषणा नहीं
नागपुर मनपा बजट पर कोरोना का साया, कोई बड़ी घोषणा नहीं
डिजिटल डेस्क, नागपुर। मनपा स्थायी समिति सभापति प्रकाश भोयर ने शुक्रवार को अपना पहला और इस कार्यकाल का अंतिम बजट पेश किया। बजट पर कोरोना संक्रमण का साया साफ दिखा। न कोई लोकलुभावना घोषणा न आंकड़ों की बाजीगरी और न आंकड़ों को बढ़ा कर दिखाया गया है। कोरोना की चुनौतियों के बीच सभापति ने वर्ष 2021-22 का 2796.07 करोड़ रुपए का प्रस्तावित बजट पेश किया। 2796 करोड़ में भी 320 करोड़ पिछले वर्ष का शेष है। आयुक्त राधाकृष्णन बी. के बजट की तुलना में मात्र 10 प्रतिशत की बढ़ोतरी इस बजट में दिखाई दी है। वजह, साफ है। कोरोना और लॉकडाउन के कारण अपेक्षित वसूली नहीं हो पाई है। तिजोरी खाली है। बड़ी घोषणाओं के बजाय अधूरी और पुरानी योजनाओं को पूरा करने पर जोर दिया गया है। आर्थिक संकटों से राहत देते हुए न कोई नया और न अतिरिक्त टैक्स जोड़ा गया है। 30 जून के पहले संपत्ति कर भुगतान करने पर सामान्य कर में 10 प्रतिशत और जो 31 दिसंबर के पहले भुगतान करने पर सामान्य कर में 5 प्रतिशत की छूट दी जाएगी।
वरिष्ठ नागरिकों पर फोकस : शहर में जो वरिष्ठ नागरिक अकेले हैं, ऐसे बुजुर्गों के लिए विरंगुडा केंद्र बनाने की घोषणा की गई है। इसके लिए 3 करोड़ का प्रावधान है। इसके अलावा हर प्रभाग में वरिष्ठ नागरिकों का एक समूह बनाया जाएगा। इन्हें समाज कल्याण की योजनाओं के माध्यम से यात्रा पर ले जाया जाएगा। इसके लिए प्रत्येक नगरसेवकों को 2-2 लाख की भी निधि उपलब्ध कराई जाएगी। अगले साल मनपा का चुनाव है। प्रभाग में ज्यादा से ज्यादा काम हो, इसके लिए नगरसेवकों को 20-20 लाख की वार्ड निधि देना सुनिश्चित किया गया है। 15 लाख फिक्स्ड प्रायरिटी के होंगे। बजट पेश करते हुए प्रकाश भोयर ने प्रशासन को भी कटघरे में खड़ा किया। उन्होंने कहा कि आयुक्त को 15 फरवरी तक अपना बजट देना चाहिए था, लेकिन दिया नहीं। इससे यह बजट देने में विलंब हुआ। उन्होंने खर्च के आंकड़ों में भी तालमेल नहीं होने का आरोप लगाया।
मदर मिल्क बैंक की पहल : कोरोना से संक्रमण के बाद मां को बच्चे से 14 दिन तक दूर रहना पड़ता है। ऐसे में बच्चों को दूध पिलाने की समस्या आती है। इसके लिए मनपा स्थायी समिति ने पहल कर मदर मिल्क बैंक बनाने की तैयारी दिखाई है। इसके अलावा जो बच्चे जन्म से दिव्यांग रहते हैं, उनका नि:शुल्क उपचार व शल्यक्रिया करने की पहल भी मनपा ने की है। हर विधानसभा में एक-एक अंग्रेजी माध्यम के स्कूल भी खोले जाएंगे। गरीब और जरूरतमंदों के लिए महापौर जीवनावश्यक औषधि मेडिकल बैंक भी शुरू होगा। यहां दवाइयां मिलेंगी। महापौर वैद्यकीय साधन सामग्री अधिकोष योजना अंतर्गत लोकसहभाग से वैद्यकीय साधन सामग्री उपलब्ध कराई जाएगी। बिहार के आनंद कुमार के सुपर 30 की तर्ज पर नागपुर में सुपर 50 संकल्पना अमल में लाई जाएगी। मनपा शाला के 75 िवद्यार्थियों का चयन कर उनमें से 25 को जेईई, 25 को पीएमटी और 25 को एनडीए प्रशिक्षण के लिए तैयार किया जाएगा।
इन योजनाओं से आय की अपेक्षा : बजट में आय का कोई नया स्त्रोत नहीं है। इसके लिए ई-कचरा और लंदन स्ट्रीट पर फोकस किया गया है। ई-कचरा उठाने के लिए टेंडर मंगाए जाएंगे। इससे सालाना 4 से 5 करोड़ रुपए मिल सकते हैं। लंदन स्ट्रीट (ऑरेंज स्ट्रीट) का पहला मॉल भी इस साल बनकर तैयार होने का दावा किया गया है। इससे भी करोड़ों की आमदनी होने की अपेक्षा है। शहर में मनपा के ई-केंद्रों से भी पैसा आने की उम्मीद है।
31 मई को बजट पर होगी चर्चा
सिविल लाइंस स्थित मनपा स्थायी समिति सभागृह में महापौर दयाशंकर तिवारी को सभापति भोयर ने अपना बजट सौंपा। ऑनलाइन बैठक में प्रकाश भोयर ने बजट भाषण पढ़ा। पूरा बजट कोरोना के इर्द-गिर्द रहा। विभागों के आर्थिक लक्ष्य को भी बहुत ज्यादा नहीं बढ़ाया गया है। पिछले साल की अपेक्षा मामूली वृद्धि की गई है। 320 करोड़ पिछले वर्ष के शेष छोड़ दिए जाते, तो 2476.07 करोड़ रुपए का आर्थिक लक्ष्य है। इसमें भी 1400 करोड़ रुपए सरकारी अनुदान से प्राप्त होंगे। यानी मात्र 1000 करोड़ रुपए मनपा को अपने विविध स्त्रोतों से आय होने की अपेक्षा है। नगर रचना विभाग से अपेक्षा से ज्यादा आय की उम्मीद जताई गई है। फिलहाल 31 मई को सुबह 10.30 बजे से बजट पर चर्चा होगी।
मदर मिल्क बैंक
वरिष्ठ नागरिकों के लिए विरंगुडा केंद्र
बुजुर्गों को यात्रा पर ले जाएंगे
ई-कचरा से 4-5 करोड़ मिलेंगे
लंदन स्ट्रीट का पहला मॉल इस साल शुरू होगा
मनपा अस्पतालों में बच्चों के लिए 100 बेड होंगे
वैक्सीन खरीदी के लिए 10 करोड़
प्रत्येक नगरसेवक को मिलेंगे 20 लाख
एलबीटी से 4 करोड़
संपत्ति कर से 289.43 करोड़
जलप्रदाय कर से 201.02 करोड़
बाजार कर से 0.51 करोड़
स्थावर से 4.95 करोड़
अग्निशमन से 1.72 करोड़
नगर रचना से 86.19 करोड़
स्वास्थ्य से 8.84 करोड़।