तापमान बढ़ने से कम नहीं हुआ कोरोना का संक्रमण, बरसात में नमी से ज्यादा डर
तापमान बढ़ने से कम नहीं हुआ कोरोना का संक्रमण, बरसात में नमी से ज्यादा डर
डिजिटल डेस्क, नागपुर। मार्च में कोरोना के मरीज बढ़ने के बाद उम्मीद थी कि गर्मी बढ़ने के साथ ही संक्रमण कम होगा। मरीजों की संख्या में कमी आएगी। परंतु ऐसा कुछ हुआ नहीं। नागपुर के आंकड़ों पर गौर करें तो एक दिन में 85 मरीज मिल चुके हैं। ऐसा गर्मी में ही हुआ है। संतरानगरी का तापमान 47 डिग्री तक इस साल पहुंचा है। इसी तरह देश में सबसे ज्यादा गर्म रहने वाला शहर चुरू है। वहां 50 डिग्री तक तापमान जाता है। इस तापमान में भी वहां 140 मरीज एक-एक दिन में मिले हैं। सबसे कम तापमान 0 डिग्री लद्दाख में रहा। यहां भी एक दिन में 94 मरीजों के मिलने का रिकॉर्ड है। इससे साफ हो गया कि गर्मी के बावजूद संक्रमितों के मिलने का सिलसिला कम नहीं हुआ। अब बरसात का मौसम आ चुका है।
मौसम में नमी की मात्रा बढ़ रही है। ऐसे में संक्रमण बढ़ने का खतरा और गहरा गया है। विशेषज्ञों की मानें तो गर्मी का फायदा केवल यह रहता है कि जब पॉजिटिव मरीज छींकने आदि के चलते ड्राॅपलेट छोड़ता है, तो वह गर्मी के चलते तीन-चार घंटे में सूख जाता है। इससे संक्रमण फैलने का खतरा कम होता है। लेकिन बारिश आने पर यह संक्रमण वाले ड्राॅपलेट सूखते नहीं हैं। बल्कि नमी व बारिश की बूंदों से ज्यादा फैलते हैं। सतह पर ज्यादा समय के लिए बने रहते हैं। इसलिए संक्रमण बढ़ने की आशंका गहरा जाती है।
गर्मी में सामान्य तौर पर नमी 40-60 के बीच रहती है। गर्मी के अंत में और प्री-मानसून में आर्द्रता बहुत बढ़ जाती है। इसका आंकड़ा 70-100 फीसदी तक पहुंच जाता है। नागपुर में 15 जून को 75, 16 जून को 96 और 18 जून को 83 फीसदी आर्द्रता (नमी) दर्ज की गई। जून के पहले सप्ताह में गर्मी भी थी। प्री- मानसून आने के कारण आर्द्रता 90-100 फीसदी तक रही है।
न्यूनतम तापमान 24 और अधिकतम 40 होना चाहिए
कोरोना वायरस को तापमान से कोई फर्क नहीं पड़ता है। इसके लिए आदर्श न्यूनतम तापमान 24 और अधिकतम 40 तक रहता है। इसके साथ ही नमी 40-60 फीसदी के बीच रहनी चाहिए। बारिश के दिनों में खांसते या छींकते वक्त निकलने वाले ड्रॉपलेट ज्यादा समय तक फर्श पर रहते हैं।
-मे.ज. डॉ. विभा दत्ता, निदेशक, एम्स
बारिश के दिनों में नमी 100 फीसदी तक हो जाती है
बरसात में नमी सबसे ज्यादा होती है। जब भी बारिश होती है, नमी 100 फीसदी तक रहती है। यदि बारिश नहीं है और बादल है तो थोड़ी कम होगी। गर्मी में भी आर्द्रता बनी रहती है। सबसे कम आर्द्रता ठंड के समय होती है। इसलिए हमें रूखापन महसूस होता है।
-एमएल साहू, उप महा प्रबंधक, प्रादेशिक मौसम पूर्वानुमान केंद्र, नागपुर