सुप्रीम कोर्ट के निर्णय को कानून में रूपांतरित करने से थमेगी अनैतिकता : चव्हाण
सुप्रीम कोर्ट के निर्णय को कानून में रूपांतरित करने से थमेगी अनैतिकता : चव्हाण
डिजिटल डेस्क,नागपुर। महाराष्ट्र में सरकार गठन के समय उच्चतम न्यायालय के निर्णय को ऐतिहासिक ठहराते हुए पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण ने कहा है कि उस निर्णय से ही राज्य में महाविकास आघाड़ी की सरकार बन पाई। अन्यथा, सरकार गठन के लिए अनैतिक मार्ग अपनाए जाने लगे थे। चव्हाण ने विधानसभा में मांग की कि उच्चतम न्यायालय के उस निर्णय को कानून में रूपांतरित किया जाना चाहिए, ताकि अन्य राज्यों में भी सरकार बनाने के अनैतिक प्रयास सफल नहीं हो पाए।
5 साल व्यर्थ गया
राज्य में सरकार गठन के लिए उच्चतम न्यायालय ने निर्णय में कहा था कि सरकार गठन के लिए विधानसभा में गुप्त मतदान के बजाय खुला समर्थन साबित करना होगा। इसके लिए समय भी निर्धारित किया गया था। चव्हाण ने विधानसभा में कहा कि भाजपा ने सरकार बनाने के लिए सारे प्रयास किए। असफल रहने के बाद वह महाविकास आघाड़ी पर नैतिकता का सवाल दाग रही है। सरकार बनाने के लिए भाजपा की नीयत को सब देख चुके हैं। उच्चतम न्यायालय के निर्णय के कारण ही राज्य में अनैतिक सरकार आते आते बची। विकास मामले में राज्य का पिछला 5 साल व्यर्थ गया है। केवल कर्ज बढ़ाने का काम हुआ है। 6.71 लाख करोड़ का कर्ज राज्य पर है। राज्य की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है। नई सरकार से निवेदन है कि वह राज्य में पिछले 5 वर्षों में औद्योगिक विकास की वास्तविकता सामने लाए। जिला स्तर पर कितने उद्योग लगे, कितने उद्योग चल रहे हैं, इस संबंध में भी जानकारी सामने आना चाहिए।
स्मार्ट सिटी प्रकल्प को बंद करें
चव्हाण ने कहा कि विकास योजनाओं के नाम पर 5 वर्ष में भ्रष्टाचार हुए हैं। स्मार्ट सिटी प्रकल्प को बंद करके नए सिरे से काम करने की आवश्यकता है। भ्रष्टाचार के मामले में किसी नेता का चुनाव में टिकट काट देना ही पर्याप्त नहीं है। भाजपा के मंत्री रहे प्रकाश मेहता, विनोद तावड़े के मामले में भ्रष्टाचार की जांच होनी चाहिए।