कांग्रेस-राकांपा में पद बंटवारे को लेकर फिर खींचतान

कांग्रेस-राकांपा में पद बंटवारे को लेकर फिर खींचतान

Bhaskar Hindi
Update: 2020-01-29 07:03 GMT
कांग्रेस-राकांपा में पद बंटवारे को लेकर फिर खींचतान

डिजिटल डेस्क, नागपुर।  जिला अध्यक्ष, उपाध्यक्ष चुनाव में कांग्रेस-राकांपा के बीच पैदा हुई खटास अभी मिटी नहीं है। विषय समिति सभापति पदों को लेकर दोनों दलाें के बीच खींचतान अभी जारी है। 30 जनवरी को सभापति चुनाव है। उपाध्यक्ष पद देने से इनकार करने के बाद राकांपा ने कांग्रेस के सामने दो सभापति पद का प्रस्ताव रखा है। कांग्रेस एक सभापति पद छोड़ने के मूड़ में है। कांग्रेस और राकांपा नेताओं के बीच सभापति पद बंटवारे को लेकर चर्चा का दौर चल रहा है। चर्चा अभी तक ठोस नतीजे पर नहीं पहुंची है। राकांपा दो सभापति पद मिलने की उम्मीद लगाए बैठी है। पदों का बंटवारा सम्मानजनक नहीं होने पर राकांपा नेता पहले ही कांग्रेस का साथ छोड़ने के संकेत दे चुके हैं। जिला परिषद की सत्ता में कांग्रेस, राकांपा साथ रहेंगे या राकांपा अपनी राह अलग चुनेगी, यह अभी तक तय नहीं है।

बदल गए हैं समीकरण
राज्य में महाविकास आघाड़ी की सरकार आने के बाद राजनीतिक समीकरण बदल गए हैं। जिला परिषद चुनाव में कांग्रेस-राकांपा ने महाआघाड़ी बनाकर चुनाव लड़ा। शिवसेना ने महाआघाड़ी से अलग रहकर चुनाव का सामना किया। जिप की 58 सीट हैं। कांग्रेस ने 30 सीटें जीती। वहीं, महाआघाड़ी का घटक दल राकांपा को 10 सीट मिलीं। कांग्रेस ने बहुमत के लिए आवश्यक आंकड़ा पार करने से अध्यक्ष और उपाध्यक्ष दोनों पदों पर कब्जा जमा लिया। राकांपा गठबंधन का हवाला देकर उपाध्यक्ष पद का दावा करती रही। कांग्रेस नेताओं ने राकांपा की नहीं सुनी। बात नहीं बनती देख राकांपा नेताओं ने दो सभापति पद देने का दूसरा प्रस्ताव रखा। उसे भी कांग्रेस नेताओं से सकारात्मक प्रतिसाद नहीं मिला। गठबंधन में कांग्रेस से सम्मानजनक हिस्सेदारी नहीं मिलने पर कांग्रेस से अलग होने के राकांपा नेताओं ने उसी समय संकेत दिए थे।

चार सभापति पद का होगा चुनाव
जिला परिषद में 4 सभापति पद का चुनाव होगा। राकांपा चाहती है दो सभापति पद मिले। कांग्रेस एक पद देने के लिए पहले से तैयार है। राकांपा ने साथ छोड़ने के संकेत देने पर कांग्रेस सकते में है। अपने साथ रखने के लिए राकांपा को मनाने के प्रयास चल रहे हैं, जबकि राकांपा अपने प्रस्ताव पर सकारात्मक जवाब नहीं मिलने पर किसी भी सूरत में साथ निभाने के लिए तैयार नहीं है। दोनों दलों के बीच इस मसले का हल निकालने के लिए चर्चा का दौर चल रहा है। राकांपा के साथ पदों के बंटवारे पर अंतिम निर्णय नहीं हाे पाने से कांग्रेस भी सभापति पद के उम्मीदवार तय नहीं कर पाई है। 

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