वुमन हेल्पलाइन पर मिल रही अधिकतर घरेलू हिंसा की शिकायत, अब रात में पुलिस छोड़ेगी घर
वुमन हेल्पलाइन पर मिल रही अधिकतर घरेलू हिंसा की शिकायत, अब रात में पुलिस छोड़ेगी घर
डिजिटल डेस्क, नागपुर। हैदराबाद में हुए रेप के बाद हत्याकांड देशभर में महिलाओं की सुरक्षा का मामला गर्मा दिया है। महिलाओं की सुरक्षा और मदद के लिए तरह-तरह के एप और वुमन हेल्पलाइन की घोषणा हो रही है। पूरे देश में काम कर रही वूमन हेल्प लाइन 1091 नंबर नागपुर में भरोसा सेल के तहत है। इस हेल्प लाइन पर शहर की महिलाएं फोन कर स्वयं को कहां बता रही हैं असुरक्षित….
सोनाली सिंह नागपुर
किसी परेशानी में घिरी महिलाओं की मदद के लिए हेल्पलाइन नंबर 1091 पर नागपुर में आने वाली मदद की पुकार में अधिकतर घरेलु हिंसा के मामले होते हैं। नागपुर में यह हेल्पलाइन नंबर भरोसा सेल के तहत काम करता है। सेल की प्रमुख पीआई शुभदा शंके के अनुसार शहर में ईव टिजिंग, स्टॉक करने, अजनबियों के परेशान करने पर मदद की गुहार अब तक नहीं मिले हैं लेकिन हर दिन औसतन पांच कॉल आते हैं जिनमें घर के अंदर हिंसा के कारण मदद की पुकार लगाई जाती है। अधिकतर मामलों में पति व उसके परिजनों के खिलाफ शिकायत होती है।
अब रात में पुलिस छोड़ेगी घर तक, करना होगा महिलाओं को फोन
अब रात को घर जाने के लिए वाहन नहीं मिलने पर पुलिस को फोन किया जा सकता है। शहर पुलिस आयुक्त डा. भूषणकुमार उपाध्याय ने रात के समय अकेली महिला या युवती को उनके घर तक पुलिस छोड़ कर आएगी। इसके लिए उन्हें पुलिस को फोन करना पड़ेगा। रात 9 बजे के बाद कोई वाहन उपलब्ध नहीं होने पर महिलाएं पुलिस को फोन कर सकती हैं। पुलिस खुद शासकीय वाहन से महिलाओं व युवतियों को उनके घर पर छोड़ कर आएगी। इस तरह की व्यवस्था शहर में की गई है। हैदराबाद की महिला पशुचिकित्सा अधिकारी के साथ दुष्कर्म के बाद हत्या की घटना ने देश को झकझोर कर रख दिया है। इस प्रकरण के आरोपियों को फांसी की सजा देने जाने की मांग की जा रही है। नागपुर में इस तरह की घटना न हो, इसलिए अब शहर पुलिस की ओर से अनोखी पहल होने जा रही है। रात में कोई भी महिला पुलिस हेल्पलाइन 1091 और 9823300100 या संबंधित थाने के फोन नंबर पर संपर्क कर मदद मांग सकती है। फोन करने के कुुछ समय बाद पुलिस मदद के लिए पहुंच जाएगी।
आयुक्त का सभी थानों को अलर्ट रहने का आदेश
पुलिस आयुक्त डा भूषणकुमार उपाध्याय ने शहर के सभी थानेदारों को आदेश दिया है िक, वह अलर्ट रहें। रात के समय वाहन पंक्चर होने, सिटी बस नहीं मिलने, ऑटो से घर जाने में असुरक्षित महसूस होने पर पुलिस थाने और पुलिस नियंत्रण कक्ष में फोन कर महिलाएं मदद मांग सकती हैं। फोन आने पर संबंधित अधिकारी-कर्मचारी को उसे गंभीरता से लेना होगा। पुलिस वाहन में महिला पुलिस कर्मचारी के साथ संबंधित महिला या युवती को उसके घर तक छोड़ा जाएगा। पुलिस आयुक्त डॉ. भूषणकुमार उपाध्याय ने 2 दिसंबर को वायरलेस के माध्यम से सभी थानों को मदद करने का यह संदेश भेज दिया है।
तीन माह में हेल्पलाइन पर कॉल
माह कुल कॉल कुछ नहीं बोलने वाले कॉल मदद के लिए कॉल
सितंबर 274 50 204
अक्टूबर 272 242 8
नवंबर 86 77 5
हेल्पलाइन से ज्यादा कॉल मोबाइल पर
कई महिलाएं व लड़कियां हेल्पलाइन की जगह सीधे मुझे कॉल करती हैं। भरोसा सेल के कामकाज से महिलाओं में सेल व हेड के रूप में मुझ पर विश्वास बढ़ा है। सेल भी पूरी जिम्मेदारी से महिलाओं की हर तरह की समस्या में तत्काल मदद करने के लिए तत्पर रहता है।
कभी-कभी पड़ती रेस्क्यू करने की जरूरत
सेल को घरेलु हिंसा के मामले के अत्यंत गंभीर होने की स्थिति में महिलाओं को उनके घर से रेस्क्यू भी करना पड़ता है। अनुभव के आधार पर हम मामले की गंभीरता समझ लेते हैं और उसके अनुसार कार्यवाही करते हैं। भरोसा सेल की दामिनी पथक शिकायतकर्ता की मदद करने पहुंचती है। अधिक दूरी होने पर संबंधित पुलिस थाने सूचना देकर मदद उपलब्ध कराया जाता है।
बेकार के कॉल समय पर मदद करने में बाधक
हेल्प लाइन के कॉल अटेंड करने वाली सेल की कर्मियों के अनुसार नंबर पर आने वाले बेकार के कॉल्स की संख्या काफी ज्यादा है। दिन भर में कई ऐसे कॉल आते हैं जो कुछ नहीं बोलते हैं। ऐसे कॉल्स से परेशानी होती है। हम हर कॉल उठाते हैं ताकि ऐसी महिलाओं को तत्काल मदद मिल सके जिन्हें मदद की जरूरत है। एेसे समय में कॉल कर कुछ नहीं बोलने वाले हमारा समय खराब करते हैं। हेल्प लाइन जैसे नंबरों को बेकार में व्यस्त रखना किसी जरूरतमंद को मदद पहुंचने में अनावश्यक देरी का कारण बन सकता है।
व्यस्त मिलते हैं हेल्पलाइन नंबर
पीआई शुभदा शंके के अनुसार मदद के लिए सेल पर फोन करने वाली महिलाएं विस्तार से अपनी समस्या बताना चाहती हैं। ऐसे में कॉल सुनने वाली कर्मी को भी धीरज से उनकी बात सुननी पड़ती है। ऐसे में अगर कोई और कॉल कर रहा हो उसे नंबर लंबे समय तक व्यस्त मिल सकता है लेकिन शिकायत करने वाली महिला की पूरी बात सुनना जरूरी होता है।