कॉमन एडमिशन शेड्यूल इसी माह होगा तैयार, 12th के रिजल्ट का है इंतजार

कॉमन एडमिशन शेड्यूल इसी माह होगा तैयार, 12th के रिजल्ट का है इंतजार

Bhaskar Hindi
Update: 2019-05-17 10:04 GMT
कॉमन एडमिशन शेड्यूल इसी माह होगा तैयार, 12th के रिजल्ट का है इंतजार

डिजिटल डेस्क, नागपुर। 12वीं का रिजल्ट का इंतजार किया जा रहा है इस बीच यूनिवर्सिटी ने मई माह के अंतिम सप्ताह में अंडरग्रेजुएट एडमिशन्स के लिए ‘कॉमन एडमिशन शेड्यूल’ जारी करने की जानकारी दी है। इसके लिए यूनिवर्सिटी  में तैयारियां जोरों पर हैं।  यूनिवर्सिटी  प्र-कुलगुरु प्रमोद येवले के अनुसार  यूनिवर्सिटी  फिलहाल 12वीं कक्षा के बोर्ड परिणामों का इंतजार कर रहा है। दरअसल, नागपुर  यूनिवर्सिटी ने पिछले वर्ष से  सभी गैर व्यावसायिक कॉलेजों के लिए कॉमन एडमिशन शेड्यूल के तहत प्रवेश प्रक्रिया आयोजित करना शुरू किया है। इस शेड्यूल के अनुसार ही मेरिट लिस्ट के आधार पर कॉलेजों को अपनी प्रवेश प्रक्रिया आयोजित करनी होती है। पिछले वर्ष इस प्रक्रिया से  यूनिवर्सिटी  से सम्बद्ध कॉलेजों में आर्ट्स की 40 हजार, कॉमर्स की 30 हजार, साइंस की 35 हजार, होम साइंस की 400 और होम इकोनॉमिक्स की 500 के करीब  सीटों पर प्रवेश हुए थे। ऐसे में एक बार फिर  यूनिवर्सिटी इसी शेड्यूल के अनुसार प्रवेश प्रक्रिया आयोजित करेगा। इस साल सीटें कितनी होंगी, नए नियम क्या होंगे, इसका निर्धारण अभी जारी है। हां, इस प्रवेश प्रक्रिया में मराठा और ईडब्ल्यूएस आरक्षण को जोड़ा जाएगा। 

कॉलेजों ने किया था नियमों का उल्लंघन

पिछले वर्ष शहर में ग्रेजुएट पाठ्यक्रमों के प्रवेश के पहले राउंड के एडमिशन 25 जून से 30 जून तक होने थे। पहले राउंड के प्रवेश पूरे होने के बाद खाली बची सीटों पर वेटिंग लिस्ट वाले विद्यार्थियों को 2 से 4 जुलाई के बीच प्रवेश दिए जाने थे। इसके बाद 5 जुलाई से स्पॉट एडमिशन शुरू हुए। उल्लेखनीय है कि, इस शेड्यूल के ही अनुसार मेरिट लिस्ट के आधार पर कॉलेजों को अपनी प्रवेश प्रक्रिया आयोजित करनी थी, लेकिन नागपुर में कई कॉलेजों ने शेड्यूल की अनदेखी करके अपनी मनमर्जी अनुसार एडमिशन दिए। कॉलेजों में दो तरह की सीटें होती हैं, अनुदानित और गैर अनुदानित। कॉलेजों में एडमिशन के लिए पहुंच रहे विद्यार्थियों को अनुदानित सीटें फुल होने की जानकारी दी गई। विद्यार्थियों से भारी डोनेशन वसूल कर प्रवेश दिए गए, लेकिन  यूनिवर्सिटी  इन पर कार्रवाई करने में असमर्थ रहा। इस साल प्रक्रिया में पारदर्शिता लाने के लिए  यूनिवर्सिटी  क्या कदम उठाता है, इस पर शिक्षा वर्ग की नजर रहेगी।

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