शिवसेना डाल रही एनडीए से नाराज दलों पर डोरे !

शिवसेना डाल रही एनडीए से नाराज दलों पर डोरे !

Bhaskar Hindi
Update: 2018-02-04 09:14 GMT
शिवसेना डाल रही एनडीए से नाराज दलों पर डोरे !

डिजिटल डेस्क, मुंबई/नई दिल्ली। भाजपा के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) से अपनी राहें अलग करने की घोषणा कर चुके शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे अब एनडीए के नाराज घटक दलों से सम्पर्क साध रहे हैं। अब तक एनडीए का हिस्सा तेलंगाना के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू के एनडीए से अलग होने के खबरों के बीच शनिवार को उद्धव ठाकरे ने नायडू से फोन पर बात की। हालांकि शिवसेना के तरफ से आधिकारिक तौर पर इसकी पुष्टि नहीं की गई। सूत्रों के अनुसार आगामी लोकसभा चुनाव को लेकर उद्धव ने नायडू से क्षेत्रिय दलों के एक साथ आने को लेकर चर्चा की है।

गौरतलब है कि केंद्र सरकार के आम बजट में आंध्र प्रदेश की उपेक्षा और अपेक्षित निधी नहीं मिलने से आहत तेलुगू देशम पार्टी (टीडीपी) ने सहयोगी बीजेपी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। पार्टी के अध्यक्ष और आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू  एनडीए छोड़ने के संकेत दे दिए हैं। शनिवार को शिवसेना पक्ष प्रमुख उद्धव ने नायडू से फोन पर बात की। दोनों नेताओं के बीच हुई बातचीत का व्यौरा नहीं मिल सका है। इसके पहले भाजपा की पुरानी सहयोगी शिवसेना ने भी अपनी राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में 2019 का आम चुनाव अलग लड़ने का एलान कर चुकी है। 

TDP हमारी पुरानी सहयोगी बात करेंगे : राम माधव

उधर भाजपा ने शनिवार को माना कि आम बजट को लेकर तेलुगु देशम पार्टी (तेदेपा) में असंतोष है। सीएम चंद्रबाबू नायडू से  इस बारे में बात करने की मंशा व्यक्त करते हुए कहा कि हम आंध्र प्रदेश के हितों को लेकर पूरी तरह से प्रतिबद्ध हैं। शनिवार को दिल्ली में भाजपा के महासचिव राम माधव ने तेदेपा की नाराज़गी के बारे में पूछे जाने पर कहा, ‘ऐसा लगता है कि कुछ नाखुशी है। TDP भाजपा की पुरानी सहयोगी पाटी है, हम इस बारे में उनसे बात करेंगे और उन्हें बताएंगे कि हम आंध्रप्रदेश के हितों को लेकर पूरी तरह से प्रतिबद्ध हैं।’ 

नेशनल कॉन्फ्रेंस का रुख मददगार नहीं

जम्मू कश्मीर की राजनीतिक स्थिति को लेकर पूछे जाने पर माधव ने कहा कि नेशनल कान्फ्रेंस का रुख राज्य में शांति एवं सामान्य स्थिति बहाल करने में मददगार नहीं है। वह एक प्रकार से गैरजिम्मेदाराना व्यवहार कर रही है। उसके नेताओं को समझना चाहिए कि उनका व्यवहार राजनीति से परे जाकर राष्ट्रीय सुरक्षा को नुकसान पहुंचा रहा है। सभी लोगों को सरकार के कदमों का समर्थन करना चाहिए। हुर्रियत नेताओं को सुरक्षा मुहैया कराए जाने  को लेकर एक सवाल के जवाब में माधव ने कहा कि हुर्रियत नेताओं को बहुत कम एवं जरूरत भर की सुरक्षा उपलब्ध कराई गई है। दो - तीन नेताओं को छोड़ कर किसी को सरकारी सुरक्षा नहीं दी गई है। हुर्रियत नेताअों की सुरक्षा पर बहुत पैसा खर्च किया जा रहा है, यह दुष्प्रचार मात्र है।

इधर, फडनवीस बोले- एकसाथ कराए जा सकते हैं विधानसभा और लोकसभा चुनाव  

इधर,  मुख्यमंत्री देवेंद्र फडनवीस ने शनिवार को सरकारी आवास रामगिरी पर पूर्वी विदर्भ के संगठनात्मक कार्यों की समीक्षा की। बैठक में शामिल एक पदाधिकारी के अनुसार, मुख्यमंत्री ने साफ तौर पर संकेत दिया है कि 2019 में होनेवाले लोकसभा चुनाव के साथ ही विधानसभा के चुनाव भी कराए जा सकते हैं। गाेंदिया-भंडारा लोकसभा क्षेत्र से नाना पटोले के इस्तीफे के बाद भाजपा में अंदरूनी तौर पर नेताओं के असंतोष का मामला चर्चा में है। गोंदिया-भंडारा लोकसभा क्षेत्र के लिए चुनाव भी होने वाले हैं। ऐसे में मुख्यमंत्री ने पूर्वी विदर्भ के 6 जिलों के प्रमुख पदाधिकारियों से रूबरू होकर स्थिति का जायजा ले रहे हैं। बताया गया है कि रविवार को मुख्यमंत्री भंडारा जिले के दौरे पर रहने वाले हैं।

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