नेशनल हेल्थ इंश्योरेंस कंपनी के द्वारा बीमित को नहीं दिया जा रहा क्लेम
सारे दस्तावेज देने के बाद भी लगातार किया जा रहा परेशान नेशनल हेल्थ इंश्योरेंस कंपनी के द्वारा बीमित को नहीं दिया जा रहा क्लेम
डिजिटल डेस्क,जबलपुर। क्लेम न देना पड़े इसके लिए नियमों का हवाला दिया जाता है या फिर किसी न किसी तरह की पुरानी बीमारी का उल्लेख कर पॉलिसीधारकों को गुमराह करने का काम बीमा कंपनियों के अधिकारियों, एजेंटों के द्वारा किया जा रहा है। बीमितों का कहना है कि सारे बिल कम्प्लीट होने के बाद भी उनमें खामियाँ निकाली जाती हैं।
बीमित अपने भुगतान के संबंध में बीमा कंपनियों में मेल कर जानकारी माँगते हैं या फिर टोल फ्री नंबरों पर संपर्क करते हैं लेकिन जिम्मेदार जानकारी देने से बचते हैं। बीमा कंपनियों के इस गोलमाल से एक नहीं, बल्कि सैकड़ों लोग परेशान हैं और पॉलिसी भी रिन्यू कराना बंद कर दिया है। बीमितों द्वारा लगातार जिला प्रशासन के साथ ही बीमा कंपनियों पर लगाम कसने वाले अधिकारियों से गुहार लगाई जा रही है कि हमें न्याय दिलाया जाए, पर कहीं उनकी सुनवाई नहीं हो रही है।
इन नंबरों पर बीमा से संबंधित समस्या बताएँ
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बार-बार वही क्वेरी निकाल रही टीपीए कंपनी जो दे चुके
शास्त्री विहार दमोहनाका निवासी राकेश तिवारी ने अपनी शिकायत में बताया कि नेशनल हेल्थ इंश्योरेंस कंपनी से स्वास्थ्य बीमा कराया हुआ है। बीमा कंपनी के द्वारा कैशलेस की सुविधा देने का वादा किया गया था। पत्नी श्रीमती वंदना तिवारी का स्वास्थ्य खराब होने के कारण निजी अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा था। बीमा कंपनी के द्वारा अस्पताल में कैशलेस नहीं किया गया और जब बिल सबमिट किया गया, तो नेशनल हेल्थ इंश्योरेंस कंपनी की टीपीए के अधिकारियों ने अनेक प्रकार की क्वेरी निकालीं। पॉलिसीधारक के द्वारा सभी क्वेरी का जवाब दिया गया, तो जल्द क्लेम सेटल करने की बात कही गई। परिजन लगातार बीमा कंपनी से संपर्क कर रहे हैं, पर टीपीए के अधिकारियों के द्वारा भुगतान नहीं किया जा रहा है। कंपनी के द्वारा बार-बार वही क्वेरी निकाली जा रही है, जिसका जवाब बीमा कंपनी को दिया जा चुका है। पीड़ित का आरोप है कि टीपीए के अधिकारियों के द्वारा जानबूझकर गुमराह किया जा रहा है और क्लेम न देना पड़े इसके लिए लगातार परेशान किया जा रहा है।