चित्रकूट कांड: जुड़वा मासूम बेटों की निर्मम हत्या के गुनहगारों
सतना चित्रकूट कांड: जुड़वा मासूम बेटों की निर्मम हत्या के गुनहगारों
डिजिटल डेस्क, सतना। चित्रकूट के तेल कारोबारी के ६ वर्ष के जुड़वा बेटों प्रियांश और श्रेयांस का अपहरण, फिरौती और निर्मम हत्या की जघन्य वारदात में सेंट्रल जेल में उम्रकैद की सजा काट रहे ५ अपराधियों को फांसी की सजा से संबंधित ३ याचिकाएं एमपी हाईकोर्ट ने स्वीकार कर ली हैं। इन याचिकाओं में २ अपील और एक क्रिमिनल रिवीजन की याचिकाएं शामिल हैं। सुनवाई के लिए बच्चों की पिता बृजेश रावत की ओर से एक और इसी आशय की एक याचिका शासन की ओर से दाखिल की गई थी। दोनों याचिकाओं में उम्र कैद की १६ सजाओं के साथ २५ वर्ष के कठोर दंड की एडी की स्पेशल कोर्ट की सजा को कम मानते हुए गुनाहगारों को फांसी पर लटकाने का आग्रह किया गया है। फरियादी के अधिवक्ता विकल्प सोनी ने बताया कि उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधिपति रवि मलिमथ और जस्टिस डीके पालीवाल की बेंच ने सजायाफ्ता विक्रम जीत सिंह और अपूर्व उर्फ पिंटा यादव को हत्या के अपराध से मुक्त करने के विरुद्ध दायर पिता की एक अन्य अपील को भी सुनवाई में शामिल कर लिया है।
मास्टर माइंड की अस्थाई जमानत याचिका खारिज :---
हाईकोर्ट चीफ जस्टिस ने प्रकरण की गंभीरता के मद्देनजर वारदात के मास्टर माइंड पदमकांत शुक्ला को अस्थाई जमानत देने से इंकार कर दिया है। यहां सेंट्रल जेल में बंद पदमकांत ने पिता रामकरण शुक्ला की मौत का हवाला देते हुए उच्च न्यायालय से अस्थाई जमानत की मांग की थी। उल्लेखनीय है, इस मामले में राज्य शासन ने भी माना है कि जघन्य अपराध के सभी ५ गुनाहगारों को मिली सजा काफी नहीं है। इन्हें फांसी की सजा मिलनी चाहिए।
ये हैं अपराधी :-------
* पदमकांत शुक्ला पिता रामकरण (२४) निवासी चित्रकूट
* राजू द्विवेदी पिता राकेश (२३) निवासी भभुआ (बांदा )
* आलोक तोमर उर्फ लकी पिता सतेन्द्र (२१) निवासी तेंदुरा (बांदा)
* विक्रम जीत सिंह पिता प्रहलाद (२०) निवासी भवमा (बिहार)
* अपूर्व उर्फ पिंटा यादव पिता रामनरेश (२६) निवासी गुरदहा (यूपी)
एक अपराधी सेंट्रल जेल में लगा चुका है फांसी :---
उल्लेखनीय है, इस निर्मम वारदात में शामिल एक अपराधी रामकेश यादव पिता रामचरण निवासी छिहराय थाना जमालपुर जिला (बांदा) ने गिरफ्तारी के तीन माह बाद यहां सेंट्रल जेल में ७ मई २०१९ को न्यायिक अभिरक्षा में आत्महत्या कर ली थी। आरोपी चित्रकूट के नयागांव में अक्षय वट के पास रहता था और तेल व्यवसायी बृजेश रावत के बच्चों प्रियांश और श्रेयांस को ट्यूशन पढ़ाया करता था। वह फिरौती और अपहरण की साजिश के मास्टर माइंड पदमकांत के साथ वारदात का अहम सूत्रधार था।
एडी की स्पेशल कोर्ट के फैसले पर एक नजर
५ अपराधी : उम्रकैद की १६ सजाएं, २५ वर्ष की कठोर कैद
उल्लेखनीय है वर्ष २०२१ की २१ जुलाई को एडी की स्पेशल कोर्ट के विशेष न्यायाधीश प्रदीप सिंह कुशवाह ने सभी ५ अपराधियों को आजीवन कारावास की १६ सजाएं सुनाते हुए २५ वर्ष की कठोर कैद और ६ लाख ४० हजार के अर्थदंड से भी दंडित किया था। ३ एक्ट की १५ धाराओं के ६ आरोपियों के खिलाफ पुलिस ने एडी की स्पेशल कोर्ट में लगभग ६००० पेज की चार्जशीट पेश की थी। इनमें से एक आरोपी की मौत के बाद ५ आरोपियों के खिलाफ अपराध प्रमाणित करने के लिए अभियोजन ने ७६ गवाह , ३४८ दस्तावेज और १७६ अर्टिकल पेश किए थे। कोर्ट ने प्रत्येक आरोपियों से पूछताछ के लिए २३६८ प्रश्न निर्धारित किए थे। बचाव पक्ष ने भी १८ गवाह पेश किए गए थे। कोर्ट में चार्जशीट के बाद २२६ पृष्ठ का फैसला लगभग २२ माह बाद आया था। इससे पहले प्रकरण पर अदालत में १६ दिन बहस चली थी।