राज्यपाल विद्यासागर राव बोले- बच्चों का मातृभाषा से दूर होना चिंता का विषय

राज्यपाल विद्यासागर राव बोले- बच्चों का मातृभाषा से दूर होना चिंता का विषय

Bhaskar Hindi
Update: 2018-09-19 13:02 GMT
राज्यपाल विद्यासागर राव बोले- बच्चों का मातृभाषा से दूर होना चिंता का विषय

डिजिटल डेस्क, मुंबई। अंग्रेजी भाषा के बढ़ते प्रभाव के कारण छोटे बच्चे धीरे-धीरे अपनी मातृभाषा से दूर होते जा रहे हैं। अधिकांश बालसाहित्य अंग्रजी भाषा में लिखे जा रहे हैं। अगले 20-30 साल के बाद बच्चे अपनी मातृभाषा में पढ़-लिख सकेंगे भी या नहीं, यह चिंताजनक स्थिति दिखाई दे रही है। इस पर गंभीरता से विचार करने की जरूरत है और भारतीय भाषाओं में अधिकतम बाल साहित्य का निर्माण करना चाहिए। यह बात राज्यपाल सी विद्यासागर राव ने कही। राज्यपाल बुधवार को राजभवन में आयोजित ‘गुलबुटे’ उर्दु मासिक के प्रकाशन कार्यक्रम में बोल रहे थे। राज्यपाल  ने  अपने भाषण में कहा कि छोटे बच्चे को 24 घंटे कार्टून चैनल्स, इंटरनेट, सोशल मीडिया और मोबाईल गेम्स उपलब्ध रहने से बच्चे अब साहित्य वाचन से दूर होते जा रहे हैं। इससे बच्चों के शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक स्वास्थ्य पर विपरित परिणाम हो रहा है। इसी पार्श्वभूमि पर अब बच्चों में अच्छा साहित्य पढ़ने की रुचि पैदा करने के लिए उनके परिजनों एवं शिक्षकों ने विशेष प्रयास करने की आवश्यकता है।

 20-30 साल बाद अपनी मातृ भाषा में पढ़ाई कर सकेंगे बच्चे?

विद्यासागर राव ने कहा कि स्कूलों के पुस्तकालय किताबें से सुसज्ज करें एवं शिक्षक बच्चों को डिजिटल माध्यम से कथा-बातें बताकर उनमें साहित्य के प्रति रुचि बढ़ाए। अच्छा साहित्य नैतिक मूल्यों की वृद्धि करता है और एकता एवं अखंडता की भावना बढ़ाता है।  कार्यक्रम में विधायक अमीन पटेल, पूर्व विधायक सुहेल लोखंडवाला, पूर्व विधायक युसुफ अब्राहनी, अंजुमन–ई-इस्लाम के अध्यक्ष डॉ. झहीर काझी, मासिक के संपादक फारुख सय्यद आदि मौजूद थे। 

Similar News