मुख्यमंत्री का एेलान : खुले में शौच से मुक्त महाराष्ट्र, समय से पहले लक्ष्य पूरा
मुख्यमंत्री का एेलान : खुले में शौच से मुक्त महाराष्ट्र, समय से पहले लक्ष्य पूरा
डिजिटल डेस्क, मुंबई। राज्य के ग्रामीण अंचल अब खुले में शौच से मुक्त हो गए हैं। बुधवार को केंद्र सरकार के ग्राम स्वराज अभियान के तहत मनाए गए स्वच्छ भारत पर्व के मौके पर प्रदेश सरकार ने यह दावा किया। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने प्रदेश के सभी 34 जिलों के ग्रामीण इलाकों को खुले में शौच से मुक्त हो जाने की घोषणा की। प्रदेश के शहरी इलाकों को पिछले साल अक्टूबर महीने में ही खुले में शौच से मुक्त घोषित किया जा चुका है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार ने स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) के तहत प्रदेश को 2 अक्टूबर 2019 तक खुले में शौच से मुक्त करने का लक्ष्य दिया था। लेकिन राज्य सरकार ने डेढ़ साल पहले मार्च 2018 तक यह काम पूरा करने की योजना बनाई थी। जिसको अब पूरा लिया गया है। उन्होंने बताया कि प्रदेश में साल 2013-14 से साल 2017-18 के बीच 60 लाख 41 हजार 138 नए शौचालय बनाए गए हैं। इसके लिए केंद्र और प्रदेश सरकार ने मिलकर 4079 करोड़ रुपए खर्च किए हैं। मुख्यमंत्री ने दावा किया कि देश भर में सबसे अधिक शौचालयों का निर्माण कार्य महाराष्ट्र में हुआ है। उन्होंने कहा कि सभी शौचालयों की जिओ टैगिंग की गई है। शौचालय का निर्माण काम कागज पर नहीं बल्कि वास्तव में हुआ है।
राज्य में बने 60 लाख शौचालय
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में साल 2012 के बेस लाइन सर्वे के अनुसार आजादी के बाद से साल 2012-13 तक ग्रामीण इलाकों में 50 लाख 25 हजार 269 परिवारों के पास शौचालय थे। यानि केवल 45 प्रतिशत परिवार के पास शौचालय उपलब्ध था। जबकि 55 प्रतिशत परिवार के पास शौचालय नहीं था। लेकिन सरकार ने नए 60 लाख 41 हजार 138 शौचालय बनाए हैं। इससे ग्रामीण इलाकों में 1 करोड़ 10 लाख 66 हजार 507 परिवारों के पास अब शौचालय उपलब्ध हो गए हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्रमीण इलाकों में अब हर परिवार के पास शौचालय उपलब्ध हो गया है। जहां पर शौचालय नहीं है वहां पर घर से 100 मीटर की दूरी पर सार्वजनिक शौचालय मुहैया कराया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि शौचालय तो बना दिए गए हैं, लेकिन अब शौचालय के रोजाना इस्तेमाल के लिए लोगों को प्रेरित करना जरूरी है। इसके लिए अभिनेता अमिताभ बच्चन के दरवाजा बंद अभियान के अलावा गुड मॉर्निंग दस्ता बनाया गया है।
गांवों में लोगों को जागरूक करते बच्चे
मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले साल गुड मॉर्निंग दस्ते इस्तेमाल द्वारा खुले में शौच करते समय तस्वीरें खींचने का मामला सामने आया था। इसके मद्देनजर अब बच्चे गांवों में लोगों को जागरूक करते हैं। उन्होंने कहा कि यह अभियान चलाते समय यह सुनिश्चित किया जाएगा कि महिलाओं के आत्म सम्मान में कोई ठेस नहीं पहुंचे। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के शहरी और ग्रामीण इलाकों को खुले में शौच से मुक्त घोषित किया गया है। लेकिन अभी भी सार्वजनिक स्थलों पर और शौचालय की जरूरत है। इसलिए नए शौचालय का निर्माण किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि शौचालय बनाने के लिए विधायकों और सांसदों की विकास निधि के इस्तेमाल को जारी रखा जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्रमीण इलाकों में शौचालय का निर्माण कार्य बहुत ही चुनौती पूर्ण था। गडचिरोली के भामरागड में शौचालय बनाने के लिए बांस का उपयोग किया गया।
खुले में शौच से मुक्त ग्रामीण इलाकों की स्थिति
तहसील -351
ग्राम पंचायत - 27667
गांव - 40500
कब कितने बने शौचालय
वर्ष शौचालयों की संख्या
साल 2013-14 -2,21,849
साल 2014-15 - 4,88,402
साल 2015-16 - 8,82,053
साल 2016-17 -19,16,461
साल 2017-18 -22,51,081
सार्वजनिक-सामूहिक शौचालय -2,81,292
-------------------------------------------------------
कुल - 60,41,138