मुख्यमंत्री का दावा दुनिया में सबसे ऊंचा होगा 'छत्रपति शिवाजी महाराज स्मारक'
मुख्यमंत्री का दावा दुनिया में सबसे ऊंचा होगा 'छत्रपति शिवाजी महाराज स्मारक'
डिजिटल डेस्क, मुंबई। छत्रपति शिवाजी महाराज के स्मारक की ऊंचाई कम करने के आरोपों को गलत करार देते हुए मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने विपक्ष पर पलटवार करते हुए कहा है कि अरब सागार में बनने वाली छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा दुनिया में सबसे उंची होगी।इसमें बदलाव के सुझाव सलाहकारों की तरफ से आया है जिसे सरकार ने स्वीकार किया है। जबकि पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण ने आरोप लगाया कि परियोजना के लिए अभी तक पर्यावरण मंजूरी नहीं मिली है। यदि सरकार के पास मंजूरी है तो निर्माण कार्य शुरु करके दिखाए।
विधानसभा में राकांपा के गटनेता जयंत पाटील ने यह मुद्दा उठाते हुए आरोप लगाया कि सरकार ने प्रतिमा की ऊंचाई 160 मीटर से घटाकर 126 मीटर कर दी है। आखिर प्रतिमा की ऊंचाई 112 फुट कम करने का फैसला क्यों किया गया। उन्होंने कहा कि पिछली सरकार ने जो डिजाइन पास किया था, उसके मुताबिक यह विश्व का सबसे बड़ा स्मारक होता। लेकिन मौजूद सरकार ने इसमें बदलाव कर दिया।
चबूतरे की ऊंचाई बढ़ाने का फैसला
सीएम ने कहा कि स्मारक ऐसा होना चाहिए कि मुंबई आने वाला हर पर्यटक इसे देखने की इच्छा रखे। वहीं कांग्रेस के पृथ्वीराज ने कहा कि सरकार ने अब प्रतिमा की ऊंचाई घटाकर चबूतरे की ऊंचाई बढ़ाने का फैसला किया है। लोगों को इस बात की जानकारी होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि मेरी जानकारी के मुताबिक नए प्रस्ताव को पर्यावरण विभाग की मंजूरी नहीं मिली है। सरकार को इस बारे में स्पष्टीकरण देना चाहिए। राकांपा के अजित पवार ने कहा कि हमारे आराध्य शिवाजी महाराज की प्रतिमा की ऊंचाई कम करना शिव प्रेमियों का अपमान है।
इस पर वित्तमंत्री सुधीर मुनगंटीवार ने कहा कि 2001 में यह योजना सामने आई इसके बाद 15 साल तक आपकी सरकार थी और आपने कुछ नहीं किया। इस लिए आपको (विपक्ष) इस मुद्दे पर बोलने का अधिकार नहीं। इस मुद्दे पर राजनीति नहीं होनी चाहिए। विपक्ष ने स्थगन प्रस्ताव के तहत इस मुद्दे पर चर्चा की मांग की। विधानसभा अध्यक्ष हरिभाऊ बागडे ने इसे स्वीकार नहीं किया तो विपक्ष ने नारेबाजी शुरू कर दी। इसके बाद विधानसभा की कार्यवाही 10 मिनट के लिए स्थगित कर दी गई। कार्यवाही दोबारा शुरू होने के बाद भी विपक्ष इस मुद्दे पर चर्चा की मांग पर अड़ा रहा तो शिक्षा मंत्री विनोद तावडे ने कहा कि हम स्मारक बना रहे हैं इसलिए विपक्ष के लोग परेशान हैं। चर्चा की मांग अस्वीकार होने पर विपक्ष ने विधानसभा का बहिष्कार कर दिया।
पटेल की प्रतिमा के लिए अलग नियम क्यों
विधानभवन स्थित पत्रकार कक्ष में पत्रकारों से बातचीत में पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण ने कहा कि पर्यावरण मान्यता के लिए स्मारक की डिजाईन बदली गई। पर अभी तक पर्यावरण मंजूरी नहीं मिल सकी है। उन्होंने कहा कि यदि सरकार के पास सभी मंजूरी हैं तो स्मारक का निर्माण कार्य शुरु करके दिखाए। उन्होंने कहा कि हम स्वीकार करते हैं कि हमारी सरकार छत्रपति शिवाजी स्मारक के लिए अंतिम मंजूरी हासिल नहीं कर सकी। चव्हाण ने कहा कि अहमदाबाद में बनाए जा रहे सरदार बल्लभ भाई पटेल स्मारक में की प्रतिमा की ऊंचाई अधिक और चबुतरे की ऊंचाई कम है। जबकि छत्रपति शिवाजी महाराज स्मारक में प्रतिमा की उंचाई कम कर चबुतरे की उंचाई बढ़ाई जा रही है।