छगन भुजबल को 2 साल बाद मिली जमानत, कई बार अपील ठुकराई, अब होगी रिहाई

छगन भुजबल को 2 साल बाद मिली जमानत, कई बार अपील ठुकराई, अब होगी रिहाई

Bhaskar Hindi
Update: 2018-05-04 12:28 GMT
छगन भुजबल को 2 साल बाद मिली जमानत, कई बार अपील ठुकराई, अब होगी रिहाई

डिजिटल डेस्क, मुंबई। आखिरकार पूर्व उपमुख्यमंत्री छगन भुजबल के जेल से बाहर आने का रास्ता साफ हो गया। बांबे हाईकोर्ट ने शुक्रवार को भुजबल का जमानत आवेदन स्वीकार करते हुए उन्हें जमानत पर रिहा किए जाने का आदेश सुनाया। महाराष्ट्र सदन घोटाला और मनी लांड्रिंग के मामले में पिछले 2 वर्षों से राकांपा नेता भुजबल जेल में थे। इसके पहले कई बार उनकी जमानत की मांग ठुकरा दी गई थी। जमानत के लिए उन्हें बेल बांड के तौर पर पांच लाख रुपए भरने होंगे। पिछले साल दिसंबर में सुप्रीम कोर्ट की तरफ से प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट को कुछ प्रावधानों में बदलाव के बाद भुजबल ने जमानत की अर्जी लगाई थी। भुजबल के वकील ने अदालत के सामने तर्क दिया कि मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के सेक्शन 45 को हटाने के बाद जमानत देने में किसी तरह की बाधा नहीं होनी चाहिए। पहले इस सेक्शन के होने की वजह से आरोपी को साबित करना पड़ता था कि वह मनी लॉन्ड्रिंग में शामिल नहीं है। 

जमानत के लिए फिर दिया था आवेदन 
बीते 2 अप्रैल को उन्होंने फिर से जमानत के लिए हाईकोर्ट के सामने आवेदन किया था। बढ़ती उम्र और बीमारी का हवाला देते हुए उन्होंने जमानत की मांग की थी। उनके जमानत आवेदन पर गुरुवार को सुनवाई पूरी हुई थी। शुक्रवार को हाईकोर्ट ने उनकी जमानत मंजूर कर ली। नई दिल्ली स्थित महाराष्ट्र सदन के निर्माण में हुए कथित घोटाले और मनी लांड्रिंग के मामले में भुजबल पिछले दो वर्षों से जेल में थे। इसके पहले भुजबल और उनके भतीजे समीर भुजबल ने जमानत के लिए सत्र न्यायालय में आवेदन किया था। लेकिन सत्र न्यायालय ने उनके आवेदन को खारिज कर दिया था। उसके बाद जमानत के लिए हाईकोर्ट में आवेदन दाखिल किया था। इसके पहले पीएमएलए और हाईकोर्ट ने भी भुजबल का जमानत आवेदन ठुकरा दिया था। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने 14 मार्च 2016 को भुजबल को गिरफ्तार किया गया था। 11 घंटे की पूछताछ के बाद भुजबल को गिरफ्तार किया गया था। उनकी गिरफ्तारी से राज्य की राजनीति में हलचल मच गई थी।    

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