जालना में खुलेगा रासायनिक प्रौद्योगिकी संस्थान, 396 करोड़ 69 लाख रुपए के खर्च को मंजूरी 

जालना में खुलेगा रासायनिक प्रौद्योगिकी संस्थान, 396 करोड़ 69 लाख रुपए के खर्च को मंजूरी 

Bhaskar Hindi
Update: 2018-04-24 12:59 GMT
जालना में खुलेगा रासायनिक प्रौद्योगिकी संस्थान, 396 करोड़ 69 लाख रुपए के खर्च को मंजूरी 

डिजिटल डेस्क, मुंबई। रासायनिक प्रौद्योगिकी संस्थान (इंस्टीच्यूट आफ केमिकल टेक्नालॉजी) का जालना में उपकेंद्र खोला जाएगा। इसको मराठवाड़ा उपकेंद्र के नाम से पहचाना जाएगा। मंगलवार को राज्य मंत्रिमंडल ने यह फैसला किया। मंत्रिमंडल ने जालना के शिरसवाडी में बनाए जाने वाले उपकेंद्र के लिए 396 करोड़ 69 लाख रुपए के खर्च को मंजूरी दी है। इसके साथ ही 121 शिक्षक और 158 शिक्षकेत्तर पदों के निर्माण को स्वीकृति प्रदान की गई।

मराठवाड़ा अंचल के नागरिक जीवन पर प्रत्यक्ष परिणाम कर सकने वाले लगभग 30 सेंटर ऑफ एक्सीलेंस की स्थापना करके संबंधित क्षेत्र में उच्च दर्जे का शोध करने का संस्था का लक्ष्य है। संस्था में शुरुआती दौर में प्रत्येक 30 विद्यार्थी प्रवेश क्षमता वाला 6 डिग्री पाठ्यक्रम, 16 स्नातकोत्तर डिग्री कोर्स, विभिन्न क्षेत्र के 9 पीएचडी पाठ्यक्रमों सहित केमिकल टेक्नोलॉजी मैनेजमेंट क्षेत्र में स्नातकोत्तर डिप्लोमा पाठ्यक्रम शुरू किया जाएगा।

शिरसवाडी में बनेगा उपकेंद्र     
उपकेंद्र के निर्माण काम के लिए लगने वाली 202 करोड़ 90 लाख रुपए की निधि में से 100 करोड़ चरण बद्ध तरीके से सरकार देगी। शिक्षकों के पदों के निर्माण के लिए 40 करोड़ रुपए भी सरकार की तरफ से दिया जाएगा। जबकि बाकी निधि की व्यवस्था रासायनिक प्रौद्योगिकी संस्था को करना पड़ेगा। उपकेंद्र के लिए जालना के शिरसवाडी में 200 एकड़ सरकारी जमीन लीज पर देने का फैसला औरंगाबाद में हुई राज्य मंत्रिमंडल की विशेष बैठक में हुआ था। देश के अग्रणी शिक्षा संस्थानों में से एक रासायनिक प्रौद्योगिकी संस्था ने पिछले 81 वर्षों में अनुसंधान और अभिनव काम में महत्वपूर्ण योगदान दिया दिया है।

संस्था में 687 पूर्णकालिक पीएचडी शोधकर्ता और 380 मास्टर्स विद्यार्थी शोध कर रहे हैं। संस्था के शोधकर्ताओं ने कई पेटेंट हासिल किए हैं। संस्था द्वारा विकसित प्रौद्योगिकी औद्योगिक क्षेत्र में उपयुक्त साबित हो रहा है। इसलिए संस्था को प्रदेश सरकार ने आईआईटी, आईआईएससी और आईआईएसईआर की तरह विशेष दर्जा और उत्कृष्ट केंद्र के रूप में मान्यता दिया है।
 

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