फर्जी दस्तावेज से 2 करोड़ का कर्ज लेकर लगाया चूना, डकार ली मोटी रकम
फर्जी दस्तावेज से 2 करोड़ का कर्ज लेकर लगाया चूना, डकार ली मोटी रकम
डिजिटल डेस्क, नागपुर। रेशमबाग स्थित पूनम अर्बन क्रेडिट को-ऑप. सोसाइटी में वर्ष 2011 से 2014 के दरमियान फर्जी कर्ज वितरण, आर्थिक अनियमितता और धांधली किए जाने के मामले में आर्थिक अपराध शाखा पुलिस ने एक और आरोपी को गिरफ्तार किया है। इस आरोपी का नाम प्रसाद प्रभाकर अग्निहोत्री है। प्रसाद अग्निहोत्री पर आरोप है कि इसने फर्जी दस्तावेज तैयार कर सोसाइटी से 2 करोड़ रुपए का कर्ज खुद उठा लिया। गुरुवार को उसे न्यायालय में पेश किया गया, जहां से 16 मार्च तक उसे पुलिस रिमांड पर भेज दिया है। यह आरोपी पूरे प्रकरण का मास्टर माइंड बताया जा रहा है। यह लंबे समय से पुलिस गिरफ्तारी से बचता आ रहा था।
2 आरोपी जमानत पर
शहर पुलिस आयुक्त डॉ. भूषणकुमार उपाध्याय व अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के मार्गदर्शन में प्रकरण की जांच अपराध शाखा पुलिस विभाग के आर्थिक सेल की पुलिस निरीक्षक मीना जगताप कर रही हैं। जगताप ने बताया कि प्रसाद प्रभाकर अग्निहोत्री की गिरफ्तारी से पहले पूनम अर्बन क्रेडिट को-ऑप. सोसाइटी के संचालक अरुण फल्टनकर, प्रियदर्शन मंडलेकर, बिहारे, सुभाष शुक्ला और राजू घाटोडे को गिरफ्तार किया जा चुका है। इनमें से अरुण फल्टनकर और बिहारे जमानत पर रिहा हैं। लकवाग्रस्त होने के कारण वैद्यकीय रिपोर्ट के आधार पर फल्टनकर को जमानत दी गई है। बिहारे को भी जमानत मिली है। प्रियदर्शन मंडलेकर, सुभाष शुक्ला और राजू घाटोडे सेंट्रल जेल में बंद हैं। छठवें आरोपी प्रसाद अग्निहोत्री ने फर्जी दस्तावेज तैयार कर सोसाइटी से 2 करोड़ रुपए का कर्ज खुद उठा लिया। इसकी शिकायत पीड़ित निवेशक हर्षवर्धन झंझाड़ व अन्य निवेशकों ने किया है। मीना जगताप ने अन्य निवेशकों से गुजारिश की है कि वह भी उनके पास शिकायत कर सकते हैं।
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यह है मामला
रेशमबाग में पूनम अर्बन क्रेडिट को-ऑप. सोसाइटी का कार्यालय है। यहां के संचालक, प्रबंधक और एजेंटों ने मिलकर निवेशकों के साथ करोड़ों रुपए की ठगी की। जुलाई 2019 में आर्थिक अपराध शाखा पुलिस ने छानबीन कर सक्करदरा थाने में ठगी का प्रकरण दर्ज कराया। उस दौरान पुलिस ने अरुण फल्टनकर, प्रियदर्शन मंडलेकर, बिहारे, सुभाष शुक्ला और राजू घाटोडे को गिरफ्तार किया था। इस घपलेबाजी में आरोपियों की लंबी सूची है। निवेशकों की मांग पर जांच आर्थिक अपराध शाखा पुलिस को सौंपी गई। करोड़ों के इस ठगी प्रकरण के आरोपियों ने अधिक ब्याज देने की गारंटी देकर निवेशकों से एफडी के रूप में निवेश कराया, लेकिन उन्हेें कोई रकम नहीं दी। उल्टे सारी रकम मिल-जुलकर हजम कर गए। कुछ निवेशकों की शिकायत पर छानबीन की गई, तब धोखाधड़ी उजागर हुई। सक्करदरा थाने में धारा 409, 420, 467, 468, 471, 120(ब), 34 व सहधारा 3, 4 एमपीआईडी एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया।
खुद का करने लगे कल्याण
पूनम अर्बन क्रेडिट को-ऑप. सोसाइटी के संचालकों ने जन कल्याण के लिए इसे संचालित किया था, लेकिन खुद का कल्याण करने लगे थे। इस सोसाइटी में सब्जी विक्रेता, हाथठेले वाले, सेवानिवृत्त चतुर्थश्रेणी कर्मचारी और वरिष्ठ नागरिकों ने निवेश किया था।