सेंट्रल ऑक्सीजन की मेन पाइपलाइन लीक, हलक में अटक गई थी भर्ती गंभीर मरीजों की जान, 8 घंटे सिलेण्डरों से हुई सप्लाई

सतना सेंट्रल ऑक्सीजन की मेन पाइपलाइन लीक, हलक में अटक गई थी भर्ती गंभीर मरीजों की जान, 8 घंटे सिलेण्डरों से हुई सप्लाई

Bhaskar Hindi
Update: 2022-10-28 11:51 GMT
सेंट्रल ऑक्सीजन की मेन पाइपलाइन लीक, हलक में अटक गई थी भर्ती गंभीर मरीजों की जान, 8 घंटे सिलेण्डरों से हुई सप्लाई

डिजिटल डेस्क, सतना। सरदार वल्लभ भाई पटेल शासकीय जिला चिकित्सालय में गुरुवार को प्रबंधन के बीच उस वक्त अफरा-तफरी मच गई जब सुबह-सुबह सेंट्रल ऑक्सीजन की मेन पाइपलाइन में लीकेज आ गया। इस पाइपलाइन में लीकेज आने की वजह से सीधे प्लांट से सप्लाई को बंद करना पड़ा लिहाजा जिला अस्पताल के अलग-अलग वॉर्डों में भर्ती गंभीर मरीजों की सांस ऑक्सीजन के जम्बो सिलेण्डरों पर अटकी रही। सेंट्रल पाइपलाइन के लीकेज की वजह अस्पताल प्रबंधन अब तक नहीं ढूंढ पाया है। माना जा रहा है कि सेंट्रल लाइन को किसी ने चुराने की कोशिश की मगर जब उससे ऑक्सीजन का तेज प्रेशर निकला तो चोर डरकर भाग खड़ा हुआ। दरअसल, सेंट्रल लाइन कॉपर से बनी होती लिहाजा चोर बाजार में इसकी कीमत अधिक मिलती है। 

इन वॉर्डों की सप्लाई रही बाधित

अस्पताल प्रबंधन को सुबह 6 बजे इस बात की खबर लगी कि पुराने आईसीयू के पीछे स्थित बगीचे के पास सेंट्रल लाइन की मेन पाइप में लीकेज आ गया है। इस बात की खबर तत्काल ऑक्सीजन प्लांट के टेक्नीशियन को दी गई। पीआईसीयू, ट्रामा आईसीयू, एसएनसीयू, कोविड आईसीयू में भर्ती कई मरीजों का ऑक्सीजन लेवल घटने लगा। ऐसे मरीजों के लिए जम्बो सिलेण्डरों की व्यवस्था की गई। सिलेण्डरों को मेनीफोल्ड से जोड़ा गया ताकि सेंट्रल लाइन से मरीजों के लिए ऑक्सीजन की सप्लाई की जा सके। इसके बाद ऑक्सीजन की सप्लाई को एलएमओ प्लांट से बंद किया गया।

2 बजे हुई रिपेयरिंग

हासिल जानकारी के मुताबिक सुबह 6 बजे से लेकर दोपहर 2 बजे तक ऑक्सीजन की मेन सप्लाई एलएमओ प्लांट से बंद रखी गई। दोपहर टेक्नीशियन आया और पाइपलाइन के लीकेज हिस्से को अलग कर दोबारा जोड़ा और गैस वेल्डिंग की। पाइपलाइन दुरुस्त होने के बाद एलएमओ प्लांट को चालू किया जा सका। जानकारों ने बताया कि इस घटना के बाद एक कमी सामने आई कि सेंट्रल लाइन से जुडऩे वाले वॉर्डों की सप्लाई सेपरेट नहीं की गई। मिसाल के तौर पर अगर एक वॉर्ड की सप्लाई बाधित होती है तो लीवर के जरिए उसी वॉर्ड का सप्लाई बंद की जा सके जबकि अन्य वॉर्डों की चालू रहे। अब अस्पताल प्रबंधन इस गलती को सुधारने पर विचार कर रहा है।

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