सौंदर्यीकरण के नाम पर सीमेंट और कांक्रीट से पेड़ों की जड़ों को पहुंचा रहे नुकसान

भूला उद्यान विभाग सौंदर्यीकरण के नाम पर सीमेंट और कांक्रीट से पेड़ों की जड़ों को पहुंचा रहे नुकसान

Bhaskar Hindi
Update: 2023-03-27 13:35 GMT
सौंदर्यीकरण के नाम पर सीमेंट और कांक्रीट से पेड़ों की जड़ों को पहुंचा रहे नुकसान

डिजिटल डेस्क, नागपुर. सी-20 की बैठक को लेकर पूरे शहर और पेड़ों को आकर्षक रोशनाई आदि से सजाया गया। करीब 40 करोड़ की राशि से शहर के प्रमुख रास्तों पर हरे-भरे पौधों को लगाकर ग्रीन सिटी दिखाने का प्रयास किया गया, लेकिन शहर की हरियाली को सुरक्षित रखने वाले मनपा के उद्यान विभाग ने खुद ही पेड़ों की सुरक्षा को धता बता दिया है। हाल ही में मनपा मुख्यालय की पुरानी प्रशासकीय इमारत के प्रवेश द्वार पर सुरक्षा दीवार, फव्वारों की दुरुस्ती और सौंदर्यीकरण को आरंभ किया गया है। इन कामों के लिए 4 ठेका एजेसिंयों को 80 लाख रुपए में जिम्मेदारी दी गई है, लेकिन इन कामों को लेकर कोई भी निरीक्षण नहीं हो पा रहा है। ऐसे में कामों के दौरान सीमेंट और कांक्रीट से मजबूत और हरे-भरे पेड़ों की जड़ों काे दबा दिया जा रहा है। पाम और खजूर के पेड़ों को दीमक से प्रभावित देखा जा सकता है। मनपा की खुद की इमारत परिसर में ही नियमों का उल्लंघन करने पर कार्रवाई नहीं हो रही है।

क्या है नियमावली : नियमावली के तहत सीमेंट और डामरीकरण के दौरान विशेष सतर्कता बरतनी होती है। संबंधित ठेका एजेंसी और ठेकेदार को निर्माण स्थल के समीप मौजूद पेड़ों के चारों ओर 2 बाय 2 की सुरक्षा दीवार को तैयार करना है, ताकि पेड़ों की जड़ों को पर्याप्त मात्रा में पोषण और ऑक्सीजन मिल सके। चोकिंग सुरक्षा नियमावली का पालन नहीं करने पर दंडात्मक कार्रवाई का भी प्रावधान किया गया है। इतना ही नहीं चोकिंग दिखाई देने वाले पेड़ों का सर्वेक्षण कर उपाय योजना भी करने की जिम्मेदारी उद्यान विभाग को दी गई है, लेकिन पिछले तीन साल में उद्यान विभाग ने संसाधनों और फंड की कमी का बहाना बनाते हुए कोई भी सर्वेक्षण नहीं किया है। इतना हीं नहीं ठेका एजेसिंयों के कामों को लेकर भी कोई कार्रवाई नहीं की है।

पेड़ों को नहीं मिलता है पोषण

4 साल पहले शहर में हरे-भरे और मजबूत पेड़ों को दीमक लगने को लेकर पर्यावरण विशेषज्ञों ने चिंता जताई थी। तत्कालीन मनपा आयुक्त अभिजीत बांगर ने उद्यान विभाग को शहर में सर्वेक्षण करने का निर्देश दिया था। इस सर्वेक्षण में शहर भर में करीब 8 हजार पेड़ों को सीमेंट और रास्तों के निर्माणकार्य के दौरान सीमेंट, कांक्रीट से पाटा हुआ पाया गया। सीमेंट से पाटने के चलते पेड़ों को स्वाभाविक पोषण और श्वसन प्रक्रिया प्रभावित होने से दीमक से संक्रमित हो गए थे। ऐसे में इन पेड़ों की सफाई कर चोकिंग को रोकने के लिए नियमावली बनाई गई थी। इस नियमावली को उद्यान विभाग के माध्यम से शहर भर के प्रस्तावित निर्माणकार्य के लिए अनिवार्य किया गया था।

80 लाख की निधि से काम

मनपा मुख्यालय की पुरानी इमारत के समीप के मुख्य प्रवेश द्वार पर अनेक कामों को प्रस्तावित किया गया है। करीब 80 लाख रुपए के काम आरंभ किए गए हैं। इनमें उद्यान के 2 पुराने फाउंटेन की दुरुस्ती, सुरक्षा दीवार को तैयार करने टाइल्स लगाने के साथ नए पौधों को लगाने का भी काम शामिल है। इसके अलावा पूरे इलाके में नए सिरे से घास बिछाने और नए पौधों को लगाने के अलावा आकर्षक पौधों की कुंडी भी लगाना है। इन कामों के लिए 4 ठेका एजेंसियों को अलग-अलग हिस्सों में विभाजित कर कामों को दिया गया है।

अलग से निर्देश देने का कोई नियम नहीं है

अमोल चौरपगार, प्रभारी अधीक्षक, उद्यान विभाग के मुताबिक मनपा की पुरानी इमारत के बाहरी हिस्से में कई तरह के सौंदर्यीकरण और दुरुस्ती प्रस्तावों को मंजूरी दी गई है। किसी भी काम को लेकर ठेका एजेंसियों को कार्यादेश में ही नियमावली की जानकारी दी जाती है, अलग से निर्देश देने का कोई नियम नहीं है। पेड़ों को खराब करने को लेकर निरीक्षण कर निर्देंश देंगे।

 

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