अमृत योजना के ठेकेदारों पर मामला दर्ज, बड़े पैमाने पर धांधली होने की शिकायत
यवतमाल अमृत योजना के ठेकेदारों पर मामला दर्ज, बड़े पैमाने पर धांधली होने की शिकायत
डिजिटल डेस्क, यवतमाल. शहर को जलापूर्ति करनेवाली 300 करोड़ की अमृत योजना शुरुआत से ही विभिन्न कारणों के चलते विवादों में रही है। योजना में बड़े पैमाने पर धांधली होने की शिकायत मिली थी। जिसके बाद अब इसी योजना के 33 केवी एक्सप्रेस फीडर का काम मिलने के लिए ठेकेदार ने फर्जी कागजात जोड़ने का मामला सामने आया है। न्यायालय के आदेश के बाद अवधुतवाड़ी पुलिस ने शनिवार 17 सितंबर की रात 11 बजे 3 ठेकेदारों के खिलाफ ठगी समेत विभिन्न धाराओं के तहत अपराध दर्ज किया है। अपराध दर्ज किए गए ठेकेदारों में दारव्हा मार्ग निवासी अतुल आसरकर (40), प्रमोद डोंबले और विजय दंडे का समावेश है। महाराष्ट्र जीवन प्राधिकरण ने एक्सप्रेस फीडर के काम के लिए 6 करोड़ 54 लाख की ई-निविदा प्रकाशित की थी। जिसमें ठेकेदार को कम से कम 19 किलोमीटर भूमिगत केबल का काम पूरा करने का अनुभव होना आवश्यक बताया गया था। यह काम मिलने के लिए यवतमाल के कोमल इलेक्ट्रिक एजेंसी के अतुल आसरकर और पुसद के मौर्या इलेक्ट्रिकल्स एंड इंजीनियरिंग के संचालक प्रमोद डोलंबे ने वी.डी. इलेक्ट्रिकल्स के प्रो प्रा विजय दंडे से उपरोक्त काम के अनुभव के फर्जी प्रमाणपत्र लेकर इसके आधार पर दोनों ठेकेदारों ने 33 केवी एक्सप्रेस फीडर का काम लेेने के लिए कम दाम की निविदा भरकर काम लिया। यह बात सामाजिक कार्यकर्ता अजिंक्य पाटील के ध्यान में आते ही उन्होंने ई-निविदा प्रक्रिया की पूरी जानकारी जुटाई। जिसमें धोखाधड़ी होने की बात सामने आते ही उन्होंने इसकी शिकायत महावितरण के अधीक्षक अभियंता को दी। जिसकी उच्च स्तर से जांच हुई। जांच में अनुभव का प्रमाणपत्र अयोग्य होने की बात स्पष्ट हुई। जिससे अजिंक्य पाटील ने 10 अगस्त 2021 को अवधुतवाड़ी थाने में शिकायत दी, लेकिन पुलिस ने शिकायत को गंभीरता से नहीं लिया था। जिसेस अजिंक्य ने न्यायालय का दरवाजा खटखटाया। न्यायालय ने आवश्यक कागजातों की जांच पड़तालकर संबंधित ठेकेदारों पर अपराध दर्ज करने के आदेश दिए। जिससे शनिवार 17 सितंबर की रात 11 बजे अवधुतवाड़ी पुलिस ने अजिंक्य पाटील की शिकायत पर ठेकेदार अतुल आसरकर, प्रमाेद डोंबले और विजय दंडे के खिलाफ अपराध दर्ज किया है।