केयर हेल्थ इंश्योरेंस कंपनी ने अस्पताल में भर्ती रहे मरीज को नहीं दिया क्लेम

सारे दस्तावेज देने के बाद भी मनमर्जी पर उतारू हैं जिम्मेदार अधिकारी केयर हेल्थ इंश्योरेंस कंपनी ने अस्पताल में भर्ती रहे मरीज को नहीं दिया क्लेम

Bhaskar Hindi
Update: 2022-07-02 12:26 GMT
केयर हेल्थ इंश्योरेंस कंपनी ने अस्पताल में भर्ती रहे मरीज को नहीं दिया क्लेम

डिजिटल डेस्क, जबलपुर। पॉलिसीधारक का क्लेम किस आधार पर रोकना और केस को कैसे रिजेक्ट करना यह पूरा गोलमाल क्लेम डिपार्टमेंट व सर्वेयर टीम के द्वारा पहले से तय कर लिया जाता है। यह आरोप बीमितों के द्वारा लगाया जा रहा है। बीमा कंपनी में सारे तथ्य देने के बाद भी बीमा कंपनी के जिम्मेदार पॉलिसीधारक को भटकाने व आश्वासन के बाद नो क्लेम का लैटर भेजकर शांत बैठ जाते हैं। बीमित बीमा कंपनी को मेल भेजे या फिर टोल फ्री नंबर पर बात करे तो भी बीमा कंपनी के अधिकारी किसी तरह का जवाब नहीं देते हैं। अपना व परिवार का बीमा कराने वाले अब तो सीधे आरोप लगा रहे हैं कि बीमा कंपनी लाभ का धंधा बनाकर आम लोगों के साथ ठगी कर रही हैं। बीमा कंपनी के जिम्मेदारों के विरुद्ध जालसाजी का मामला दर्ज होना चाहिए जिससे आम लोगों को किसी तरह की परेशानी का सामना न करना पड़े। पीड़ितों का कहना है कि किसी एक कंपनी के द्वारा नहीं, बल्कि सभी बीमा कंपनियों के द्वारा अपने ग्राहकों के साथ गलत व्यवहार किया जा रहा है।

इन नंबरों पर बीमा से संबंधित समस्या बताएँ- 

इस तरह की समस्या यदि आपके साथ भी है तो आप दैनिक भास्कर के मोबाइल नंबर - 9425324184, 9425357204 पर बात करके प्रमाण सहित अपनी बात रख सकते हैं। संकट की इस घड़ी में भास्कर द्वारा आपकी आवाज को खबर के माध्यम से उचित मंच तक पहुँचाने का प्रयास किया जाएगा।

पुरानी बीमारी का हवाला देकर दो साल से भटकाया जा रहा बीमित को-

नरसिंहपुर जिले के करेली तहसील वार्ड गणेशगंज निवासी पवन कुमार ने अपनी शिकायत में बताया कि रेलीकेयर और वर्तमान में केयर हेल्थ इंश्योरेंस कंपनी से हेल्थ पॉलिसी करा रहे हैं। बीमा पॉलिसी क्रमांक 14444690 प्रति वर्ष रिन्यू कराई जा रही है। पवन की शिकायत के अनुसार उसकी अचानक तबियत खराब हो गई थी। चैक कराने पर खुलासा हुआ कि हार्ट में ब्लड के थक्के जम गए हैं। वह इलाज के लिए निजी अस्पताल में भर्ती हुआ था। निजी अस्पताल में बीमा कंपनी ने कैशलेस करने से मना कर दिया तो उसे अपने पास से इलाज का पूरा भुगतान जमा करना पड़ा था। इलाज कराने के बाद सारे बिल व इलाज में हुए खर्च का ब्यौरा बीमा कंपनी में ऑनलाइन व ऑफलाइन सबमिट किया था। बीमा कंपनी ने अनेक जानकारी माँगी और सारी जानकारी देने के बाद बीमा कंपनी ने जल्द ही क्लेम सेटल करने का आश्वासन दिया था, पर आज तक उसे क्लेम नहीं दिया। पीड़ित लगातार बीमा कंपनी में संपर्क कर रहा है, पर किसी तरह का जवाब बीमा कंपनी के द्वारा नहीं दिया जा रहा है। पीड़ित का कहना है कि दो साल से बीमा कंपनी के जिम्मेदार परेशान कर रहे हैं और इनके विरुद्ध प्रशासन को सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए, वहीं बीमा कंपनी के प्रतिनिधि से संपर्क किया गया तो उनका कहना था कि हमारी कंपनी नियमों के अनुसार ही बीमितों को लाभ देती है।
 

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