पालघर लोकसभा उपचुनाव : गावित ने थामा भाजपा का दामन, वनगा ने शिवसेना से भरा नामांकन

पालघर लोकसभा उपचुनाव : गावित ने थामा भाजपा का दामन, वनगा ने शिवसेना से भरा नामांकन

Bhaskar Hindi
Update: 2018-05-08 14:37 GMT
पालघर लोकसभा उपचुनाव : गावित ने थामा भाजपा का दामन, वनगा ने शिवसेना से भरा नामांकन

डिजिटल डेस्क, मुंबई। पालघर लोकसभा उपचुनाव के लिए सत्ताधारी भाजपा और शिवसेना ही आमने-सामने आ गए हैं। अब चुनाव अकेले लड़ने के फैसले के बाद पहली बार शिवसेना व भाजपा आमन-सामने होंगी। मंगलवार को पालघर लोकसभा उपचुनाव के लिए भाजपा से सांसद रहे दिवंगत चिंतामण वनगा के बेटे श्रीनिवास वनगा बतौर शिवसेना उम्मीदवार नामांकन दाखिल किया। जबकि कांग्रेस के आदिवासी चेहरे पूर्व मंत्री राजेंद्र गावित ने मंगलवार को भाजपा का दामन थाम लिया। पार्टी उन्हें पालघर उपचुनाव मेम अपना उम्मीदवार बनाएगी। कांग्रेस ने पूर्व सांसद दामोदर शिंगडा को अपना उम्मीदवार बनाया है। जबकि इस इलाके में अच्छी पैठ रखने वाली बहुजन विकास आघाडी बुधवार को अपने उम्मीदवार के नाम का खुलासा करेगी।  

कांग्रेस ने शिंगडा को बनाया उम्मीदवार 
श्रीनिवास के पर्चा भरते समय शिवसेना ने जमकर शक्तिप्रदर्शन किया। शिवसेना के इस दांव के बाद भाजपा ने कांग्रेस नेता व पूर्व राज्य मंत्री राजेंद्र गावित को उम्मीदवार बनाने का फैसला किया है। गावित ने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और प्रदेश अध्यक्ष रावसाहब दानवे की मौजूदगी में भाजपा में प्रवेश किया। पार्टी में शामिल होते ही क्षण भर में दानवे ने गावित को टिकट देने की घोषणा भी कर दी। गावित ने कहा कि मैंने पालघर के विकास के लिए भाजपा में शामिल होने का फैसला किया है।

गावित के पाला बदलने से कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है। क्योंकि पालघर में गावित कांग्रेस के चेहरे के रूप में जाने जाते थे। गावित के पार्टी छोड़ने के बाद कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अशोक चव्हाण ने कहा कि जनता गद्दारों को सबक सिखाएगी। चव्हाण ने बताया कि इस सीट पर कांग्रेस ने दामोदर शिंगडा को उम्मीदवारी दी है। जबकि बहुजन विकास आघाड़ी के नेता व विधायक हितेंद्र ठाकुर ने कहा है कि पार्टी का उम्मीदवार 10 मई को पर्चा दाखिल करेगा। 

अभी भी शिवसेना से समर्थन की उम्मीद-मुख्यमंत्री 
कांग्रेस नेता गावित के भाजपा में प्रवेश के मौके पर पत्रकारों से बातचीत में मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने शिवसेना को बताया था कि भाजपा पूर्व सांसद वनगा के बेटे श्रीनिवास को टिकट देने वाली है। इसके बावजूद शिवसेना ने वनगा परिवार को अपनी पार्टी में शामिल किया। शिवसेना को ऐसा नहीं करना चाहिए था। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमें अभी भी उम्मीद है कि शिवसेना इस सीट पर भाजपा के उम्मीदवार का समर्थन करेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि साल 2014 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने यह सीट जीता था। इसलिए इस सीट पर भाजपा का ही दावा बनता है।  

विधानसभा चुनाव से ही गावित पर थी नजर 
मुख्यमंत्री ने कहा कि गावित पालघर के बड़े और अच्छे नेता हैं। उन पर हमारी नजर साल 2014 के विधानसभा चुनाव के समय से ही थी। विधानसभा चुनाव में भाजपा उन्हें टिकट देना चाहती थी लेकिन ऐन मौके पर भाजपा और शिवसेना के बीच गठबंधन टूट गया। इस लिए पार्टी गावित को मौका नहीं दे सकी थी। इसके बाद से पार्टी लगातार उनके संपर्क में थी। मुख्यमंत्री ने दावा किया कि भाजपा में आने वाले गावित ने पार्टी से टिकट नहीं मांगा था। मुख्यमंत्री ने कहा कि वनगा परिवार को शिवसेना में शामिल करवाने के लिए किसने ऑपरेशन किया है। यह हमें अच्छी तरह से पता है लेकिन अभी मैं कुछ नहीं कहूंगा।  

शिवसेना न उतारे उम्मीदवार: मुनगंटीवार 
वहीं प्रदेश के वित्त मंत्री सुधीर मुनगंटीवार ने कहा कि पालघर लोकसभा भाजपा की सिटिंग सीट रही है। इसलिए भाजपा की तरफ से शिवसेना को प्रस्ताव भेजा गया है कि वह इस सीट पर अपना उम्मीदवार न उतारे। लेकिन इस पर फैसला शिवसेना को करना है। यदि शिवसेना ने सकारात्मक रूख अपनाया तो हमें ज्यादा खुशी होगी। इसके जवाब में शिवसेना के नेता व प्रदेश के एमएसआरडीसी मंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा कि पार्टी यह चुनाव फायदे और नुकसान के लिए नहीं लड़ रही है। पार्टी यह चुनाव वनगा परिवार की इच्छा पर लड़ रही है।  

दानवे ने कैबिनेट मंत्री सवरा को बता दिया मृत  
अपने बयानों को लेकर विवादों में रहने वाले भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष रावसाहब दानवे की जबान एक बार फिर फिसली और उन्होंने राज्य के आदिवासी कल्याण मंत्री विष्णु सावरा को दिवंगत बता दिया। मंगलवार को पालघर के तलासरी में पार्टी की सभा को संबोधित करते हुए दानवे ने भाजपा सांसद के निधन की घटना का उल्लेख करते हुए दिवंगत चिंतामण वनगा की बजाय प्रदेश के आदिवासी विकास मंत्री सवरा का नाम ले लिया। दानवे ने कहा कि सवरा का निधन हो गया और सवरा का परिवार शिवसेना में चला गया। इससे यह नहीं समझा जाना चाहिए कि भाजपा को कोई फर्क पड़ेगा। दानवे की इस गलती को सुधारने के लिए एक कार्यकर्ता ने उन्हें बीच में टोका भी। लेकिन दानवे इसके लिए खेद प्रकट करने की बजाय मुस्कराते नजर आए।

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