महाराष्ट्र: 20 अप्रैल के बाद शर्तों के बाद शुरु होगी व्यवसायिक गतिविधिया: सीएम ठाकरे
महाराष्ट्र: 20 अप्रैल के बाद शर्तों के बाद शुरु होगी व्यवसायिक गतिविधिया: सीएम ठाकरे
डिजिटल डेस्क, मुंबई। आगामी 20 अप्रैल के बाद राज्य के कुछ इलाकों में कुछ शर्तों के साथ उद्योग व व्यापारिक गतिविधियां शुरु होगी। इसको लेकर दिशा निर्देश जारी किए गए हैं। शुक्रवार को मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने यह बात कही। इसके अलावा सीएम ने कहा कि रेड जोन में अखबार का वितरण नहीं होगा। मुख्यमंत्री ने साफ कहा किया कि वे कोई रिस्क नही लेंगे।
मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा कि राज्य में ऑरेंज और ग्रीन जोन में सोमवार से कुछ उद्योगों को शुरू करने की अनुमति दी गई है लेकिन जिलों की सीमाएं नहीं खोली जा रही हैं। राज्य में एक जिले से दूसरे जिले में आवाजाही को अनुमति नहीं होगी। केवल माल वाहक वाहनों का परिवहन हो सकेगा। रविवार को सोशल मीडिया के माध्यम से मुख्यमंत्री ने कहा कि ऑरेंज और ग्रीन जोन में उद्योग शुरू करने की अनुमति है लेकिन कंपनियों को मजदूरों को अपने कंपनी परिसर में ही रखना पड़ेगा। राज्य में कोरोना के ज्यादा मरीजों वाले रेड जोन में उद्योग नहीं शुरू होंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि कृषि, खेती और जीवनावश्यक वस्तुओं के उत्पादन और आपूर्ति जारी रहेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि लोगों को कम से कम 3 मई तक घर में ही रहना है घर से बाहर नहीं निकलना है। केवल जीवनावश्यक वस्तुओं की खरीदी के लिए मास्क पहनकर घर से बाहर निकलें। राज्य में 3 मई तक निजी परिवहन, रेलवे और हवाई सेवाएं बंद रहेंगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि मुंबई के निजी डॉक्टरों ने अपने अस्पतालों को दोबारा शुरू करने की तैयारी दिखाई है। उन्होंने कहा कि बुखार, सर्दी और खांसी होने पर तत्काल फीवर क्लिनिक में उपचार कराएं।
उन्होंने कहा कि कोरोना को लेकर घोषित कंटोनमेंट क्षेत्र को छोड़ कर अन्य जगहों पर स्थानीय प्रशासन अधिकार से ये संशोधिक आदेश लागू किए जाएंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार के निर्देश के मुताबिक यह लॉकडाउन 3 मई तक लागू रहेगा। इसका का कड़ाई से पालन होगा। कहीं पर भी भीड़ भाड़ नहीं होने दिया जाएगा। धार्मिक उत्सव, प्राथर्नास्थलों में भीड़, सम्मेलन, खेल प्रतियोगिता, सभा आदि के आयोजन पर रोक जारी रहेगी। जबकि इस दौरान आवश्यक सेवा जारी रहेगी।
मजदूरों को घर तक पहुंचाने का वचन
मुख्यमंत्री ने प्रवासी मजदूरों को घर तक पहुंचाने का वचन दिया है। उन्होंने कहा कि जिस दिन कोरोना वायरस की स्थिति से उबर जाएंगे मैं आपको वचन देता हूं कि राज्य सरकार आपको आपके घर तक पहुंचाएगी। मैं चाहता हूं कि जब भी आप घर पर लौटे तब खुशी से जाएं। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रवासी मजदूरों को लेकर केंद्र सरकार से बातचीत चल रही है। मुझे विश्वास है कि रास्ता निकल आएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रवाशी मजदूरों को चिंता करने की जरूरत नहीं है। महाराष्ट्र में धीरे-धीरे उद्योग शुरू हो रहे हैं। अगर संभव है तो काम पर लौट आइए। आप की रोजी रोटी शुरू रहेगी। कोरोना की स्थिति कुछ दिन रहेगी। मुझे पक्का भरोसा है कि यह दिन भी चल जाएंगे।
अत्याचार की घटनाओं पर करें फोन
मुख्यमंत्री ने कहा कि लॉकडाऊन के दौरान विश्व भर से महिलाओं के खिलाफ अत्याचार की घटनाएं बढ़ने की खबरें आ रही हैं। मुझे विश्वास है कि महाराष्ट्र में ऐसा नहीं होगा लेकिन राज्य में अत्याचार की घटनाएं होती हैं तो महिलाएं पुलिस के 100 नंबर पर फोन कर सकती हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि मानसिक स्वास्थ्य समुपदेशन के लिए मुंबई मनपा और बिरला के नंबर 1800120820050 और आदिवासी विकास विभाग और प्रोजेक्ट मुंबई और प्रफुलता संस्था की ओर से शुरू किए गए नंबर 18001024040 पर फोन किया जा सकता है।
सीएसआर फंड के लिए अलग से खाता
उद्धव ने कहा कि कॉरपोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी (सीएसआर) निधि पीएम केयर फंड के लिए चलता है और मुख्यमंत्री सहायता निधि में नहीं चलता है मुझे इस राजनीति में नहीं पड़ना है। राज्य सरकार ने अब सीएसआर फंड के लिए एक अलग खाता खोल दिया है। जिनको सीएसआर फंड से मुख्यमंत्री सहायता निधि में मदद करना है वह सीएसआर फंड का पैसा दे सकते हैं।
बच्चों को आशीर्वाद
मुख्यमंत्री ने कहा कि कई बच्चे अपने लिए जुटाए गए पैसों को मुख्यमंत्री सहायता निधि में दे रहे हैं। इन बच्चों को मेरा आशीर्वाद है। लेकिन मैं बच्चों को कहना चाहता हूं कि आप चिंता न करे। हमारी पीढ़ी संकट का मुकाबला करने के लिए समर्थ है।
मुंबई-पुणे छोड़कर अन्य जिलों में अखबार वितरण पर करेंगे फैसला
मुख्यमंत्री ने कहा कि अगले 2 से 3 दिनों में मुंबई और पुणे को छोड़कर राज्य के दूसरे जिलों में अखबारों को घर-घर वितरण की अनुमति देने के संबंध में फैसला लिया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में अखबारों और मैगजीनों के प्रकाशन और स्टॉल पर बिक्री को पर रोक नहीं है। मुख्यमंत्री ने कहा कि मुंबई और पुणे रेड जोन में फिलहाल अखबारों के वितरण को अनुमति देना उचित नहीं होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि मैंने अखबारों के संपादकों से भी चर्चा की है। मुख्यमंत्री ने कहा कि शायद वितरण बंद करने का मेरा फैसला अयोग्य भी हो सकता है। इस पर मैं अलोचना सहने को तैयार हूं। जैसे मैं लोगों की तारीफों को स्वीकार करता हूं वैसे आलोचना भी सहूंगा।