दीनदयाल चौराहे से ही किया जाने लगा बसों का संचालन, दिन भर लग रहा लंबा जाम

आईएसबीटी में फिर अराजकता दीनदयाल चौराहे से ही किया जाने लगा बसों का संचालन, दिन भर लग रहा लंबा जाम

Bhaskar Hindi
Update: 2023-01-11 13:37 GMT
दीनदयाल चौराहे से ही किया जाने लगा बसों का संचालन, दिन भर लग रहा लंबा जाम

डिजिटल डेस्क,जबलपुर। एक ही स्थान से मुसाफिरों को सभी रूटों की बसें मिल सकें। इस उद्देश्य से दीनदयाल चौक पर अंतर्राज्यीय बस टर्मिनस का निर्माण करवाया गया। शुरुआती कुछ दिनों तक तो बस ऑपरेटर्स बेहतर सेवाएँ देते रहे, लेकिन जल्द ही उनके द्वारा बाहर से ही अपनी बसें दौड़ाई जाने लगीं। इस स्थिति में अंदर आने वाली सवारियों को भी मजबूरीवश बाहर आकर ही अपना सफर शुरू करना पड़ता है। हालात ये हैं कि फिर से पूरी बसें चौराहे के इर्द-गिर्द खड़ी की जा रही हैं। जाम के बीच रोजाना अफरा-तफरी का माहौल बन रहा है। आए दिन हादसे हो रहे हैं। इसके बावजूद नगर निगम, पुलिस व आरटीओ के अफसर मूकदर्शक बने हुए हैं। लोगों का कहना है कि बसों का संचालन अंदर बने निर्धारित प्लेटफाॅर्मों से किया जाना चाहिए। 

रोजाना दौड़ रहीं 3 सैकड़ा से ज्यादा बसें 

जानकारों की मानें तो आईएसबीटी से रोजाना तीन सैकड़ा से अधिक बसों का संचालन इन दिनों हो रहा है। ये बसें मंडला, कटनी, डिण्डौरी, सागर, सतना, रीवा, दमोह, नरसिंहपुर, शहडोल एवं नागपुर आदि स्थानों तक मुसाफिरों को ले जाती हैं। नियमानुसार ये सभी बसें आईएसबीटी परिसर के भीतर से ही संचालित होनी चाहिए, लेकिन मौजूदा समय में अधिकांश बसें मुख्य प्रवेशद्वार से ही दौड़ाई जा रही हैं और इसलिए मुसाफिरों को रोजाना ही परेशान होना पड़ रहा है। 

बसों के इंतजार में अंदर ही बैठे रह जाते हैं मुसाफिर

नियमों को दरकिनार कर आईएसबीटी के बाहर से ही जहाँ बसों का संचालन हो रहा है, तो वहीं अंदर बैठकर इंतजार करने वाले मुसाफिर यहाँ बैठे ही रह जाते हैं और उन्हें बसें मिल ही नहीं पातीं। इस दौरान यदि वे बसों का पता पूछते हुए बाहर आ जाते हैं तो उनका सफर शुरू हो जाता है और यदि उन्हें बाहर से बस मिलने की जानकारी नहीं होती है तो उनकी यात्रा शुरू ही नहीं हो पाती। इस दौरान यदि वे बस ऑपरेटर्स से चर्चा करते भी हैं तो उन्हें किसी तरह का संतोषजनक जवाब कभी नहीं दिया जाता।

बिना सफर किए वापस आना पड़ा घर

कुछ दिन पहले ही रांझी निवासी सूरज सिंह अपनी रिश्तेदार को इलाज हेतु नागपुर ले जाने आईएसबीटी पहुँचे थे। इस दौरान शाम से लेकर देर रात्रि तक उन्हें बस नहीं मिली और बाहर आने पर उन्हें यह मालूम हुआ कि सभी बसें मेन गेट से ही रवाना हो चुकी हैं। इस स्थिति में उन्हें बिना सफर किए वापस घर लौटना पड़ा। इसी तरह की समस्याएँ अन्य सवारियों को भी झेलनी पड़ रही हैं, लेकिन जिम्मेदारों की उदासीनता से बस ऑपरेटर्स की मनमानी लगातार बनी हुई है। 

रोजाना बन रहे जाम लगने के हालात 

ऑपरेटर्स द्वारा अपनी बसों को बाहर से ही दौड़ाने के कारण आईएसबीटी के बाहर रोजाना लंबा जाम लगने के हालात बन रहे हैं। ऐसा इसलिए भी होता है क्योंकि मुख्य प्रवेशद्वार पर सवारियों के उतरने से ऑटो एवं ई-रिक्शा चालक भी दिनभर यहाँ खड़े रहते हैं। इन हालातों में पैदल चलना भी कई बार मुश्किलों भरा होता है और जब-तब सड़क हादसों की नौबत भी यहाँ बनी रहती है। इस दौरान संबंधित जिम्मेदारों द्वारा कोई ठोस कार्रवाई नहीं करने से यह समस्या जस की तस बनी हुई है।    

आईएसबीटी में नो-पार्किंग जोन में खड़ी होने वाली बसों पर चालानी कार्रवाई की जाती है। इसके लिए एक अधिकारी व कर्मचारी को भी यहाँ तैनात रखा जाता है। दरअसल अभी मटर का सीजन चल रहा है और इसलिए इस मार्ग पर जाम लगने की समस्या अधिक सामने आ रही है। 
मोहन सिंह, टीआई, यातायात थाना मालवीय चौक 

 

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