कभी भी गिरफ्तार हो सकते हैं बिल्डर कुलकर्णी,  नहीं कर पाए रुपयों का इंतजाम

कभी भी गिरफ्तार हो सकते हैं बिल्डर कुलकर्णी,  नहीं कर पाए रुपयों का इंतजाम

Bhaskar Hindi
Update: 2018-02-16 14:20 GMT
कभी भी गिरफ्तार हो सकते हैं बिल्डर कुलकर्णी,  नहीं कर पाए रुपयों का इंतजाम

डिजिटल डेस्क, मुंबई। निवेशकों के साथ धोखाधड़ी मामले में आरोपी बिल्डर डीएस कुलकर्णी और उनकी पत्नी एवं बेटे को गिरफ्तारी से मिली राहत को बांबे हाईकोर्ट ने खत्म कर दिया है। लिहाजा अब कुलकर्णी को पुलिस किसी भी वक्त गिरफ्तार कर सकती है। कुलकर्णी पर निवेशकों के 230 करोड रुपए न लौटाने का आरोप है। शुक्रवार को जस्टिस साधना जाधव ने कहा कि ऐसा प्रतीत हो रहा है कि कुलकर्णी कोर्ट को हल्के में ले रहे हैं। जस्टिस ने कहा कि कुलकर्णी ने न सिर्फ अपने निवेशकों के साथ धोखाधड़ी की है, बल्कि कोर्ट को भी धोखा दिया है। इसलिए हम आरोपी (कुलकर्णी) को गिरफ्तारी से मिली सुरक्षा का आनंद नहीं लेने दे सकते है।

इससे पहले नवंबर में कुलकर्णी ने कोर्ट को आश्वस्त किया था कि वे निवेशकों के पैसे लौटाने के इच्छुक हैं उन्हें थोड़ा वक्त दिया जाए। वे कोर्ट में 50 करोड रुपए जमा करने को तैयार हैं। कुलकर्णी की ओर से मिले इस आश्वासन के बाद कोर्ट ने उन्हें व उनकी पत्नी व बेटे को गिरफ्तारी से राहत प्रदान की थी। लेकिन अब तक कुलकर्णी ने यह रकम जमा नहीं की है।

पहले से गिरवी हैं संपत्ति
मामले की पिछली सुनवाई के दौरान कुलकर्णी ने कोर्ट को सूचित किया था उसने 12 करोड रुपए की व्यवस्था कर ली है और बुलढाणा अर्बन बैंक उन्हें संपत्ति गिरवी रखने के एवज में सौ करोड रुपए देने को तैयार है। इस आश्वासन के आधार पर जस्टिस ने कुलकर्णी को 22 फरवरी तक गिरफ्तारी से राहत प्रदान की थी। लेकिन गुरुवार को अभियोजन पक्ष ने जस्टिस से कहा कि शुक्रवार को इस मामले की तत्काल सुनवाई रखी जाए। जस्टिस के सामने जब यह मामला सुनवाई के लिए आया तो अभियोजन पक्ष ने कहा कि कुलकर्णी ने जो संपत्ति बुलढाणा अर्बन बैंक के पास गिरवी रखना चाहते है वह संपत्ति पहले से किसी और बैंक के पास गिरवी है।

कोर्ट को बहुत हल्के में लिया
इन दलीलों को सुनने के बाद अचंभित जस्टिस ने कहा कि आरोपी ने बड़े-बड़े वादे किए थे और कहा था कि उसके पास हजार करोड़ रुपए की संपत्ति है। उसके सारे वादे खोखले साबित हो रहे हैं। आरोपी को सिर्फ इसलिए गिरफ्तारी से अंतरिम राहत दी गई थी क्योंकि उन्होंने निवेशकों के पैसे लौटाने की इच्छा जाहिर की थी। लेकिन कुलकर्णी और अन्य आरोपियों ने कोर्ट को बहुत हल्के में लिया और भरोसे को ठेस पहुंचाई है। इसलिए आरोपी को दी गई अंतरिम राहत को खत्म किया जाता है। इस दौरान जस्टिस ने सिंगापुर की कंपनी प्रभुने इंटरनेशनल फर्म को भी नोटिस जारी किया। इस कंपनी ने दावा किया था कि उसने कुलकर्णी के खाते में 50 करोड रुपए ट्रांसफर किए हैं।  हाईकोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई 1 मार्च को रखी है।

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