बहन के साथ धोखाधड़ी, 30 लाख हड़पने बनाए फर्जी प्रमाणपत्र
बहन के साथ धोखाधड़ी, 30 लाख हड़पने बनाए फर्जी प्रमाणपत्र
डिजिटल डेस्क, नागपुर। बैंक अधिकारी की मिलीभगत से भाई ने ही बहन को धोखा देकर लाखों रुपए का गबन किया है। अदालत के आदेश पर सीताबर्डी थाने में भाई और बैंक प्रबंधक के खिलाफ धोखाधड़ी का प्रकरण दर्ज किया गया है।
सुनियोजित तरीके से बन गया वारिस
पीड़िता माधुरी रमेश चिमुरकर (65) वर्धा जिले के शास्त्री चौक निवासी है, जबकि आरोपी माधुरी का छोटा भाई पदमाकर तेजराम कुकडे (42) राकेश ले-आउट बेलतरोड़ी निवासी और बैंक प्रबंधक दिलीप कुमार मेघलानी (48) है। बताया जा रहा है कि वर्षों पहले माधुरी और पदमाकर के पिता तेजराम ने खुद के नाम पर 28 से 30 लाख रुपए रामदासपेठ स्थित स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की शाखा में फिक्स डिपॉजिट किए थे। इस बीच गत वर्ष तेजराम का देहांत हो गया।
तेजराम के देहांत से उनकी चल-अचल संपत्ति पर माधुरी और पदमाकर का अधिकार है। इसके बावजूद पदमाकर ने सुनियोजित तरीके से वारिस के तौर पर फर्जी प्रमाणपत्र और मृत्यु पत्र बैंक प्रबंधक दिलीप को दिया। इन प्रमाणपत्रों की जांच-पड़ताल करने की बजाय दिलीप ने उस पर विश्वास िकया और फिक्स डिपॉजिट की नकदी पदमाकर के सुपुर्द कर दी, जबकि इस नकदी में वारिस के तौर पर बराबरी का माधुरी भी अधिकारी है।
पुलिस ने खड़े किए हाथ
प्रकरण में माधुरी के साथ उसके भाई ने ही धोखाधड़ी की है। यह बात ध्यान आने से उसने भाई पदमाकर और बैंक प्रबंधक दिलीप से सवाल-जवाब किया। भाई ने रकम का गबन कर चुप्पी साध ली, लेकिन बैंक प्रबंधक ने भी अपनी जिम्मेदारियों से पल्ला झाड़ दिया। इसके बाद माधुरी ने पुलिस में शिकायत दर्ज करनी चाही। मामला लेन-देन से जुड़ा होने के कारण पुलिस ने भी कार्रवाई करने से हाथ खड़े कर दिए थे। इसके बाद माधुरी ने अदालत का दरवाजा खटखटाया। प्रकरण की गंभीरता से अदालत ने भाई और बैंक प्रबंधक के खिलाफ प्रकरण दर्ज कर इसकी जांच करने के आदेश पुलिस को दिया, जिससे बर्डी थाने में शनिवार को प्रकरण दर्ज किया गया है। आरोपियों की गिरफ्तारी होना बाकी है।