ब्राह्मण महासभा का स्नेह मिलन कार्यक्रम- नीरा सुआरेज ने दी शास्त्रीय नृत्य की प्रस्तुति

नागपुर ब्राह्मण महासभा का स्नेह मिलन कार्यक्रम- नीरा सुआरेज ने दी शास्त्रीय नृत्य की प्रस्तुति

Bhaskar Hindi
Update: 2023-04-10 08:56 GMT
ब्राह्मण महासभा का स्नेह मिलन कार्यक्रम- नीरा सुआरेज ने दी शास्त्रीय नृत्य की प्रस्तुति

डिजिटल डेस्क, नागपुर| अखिल विश्व सरयूपारीण ब्राह्मण महासभा द्वारा स्नेहमिलन कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें अखिल भारतीय बहुउद्देशीय हिंदी भाषीय ब्राह्मण संघ नागपुर, परशुराम सर्व भाषीय ब्राह्मण संघ नागपुर, विप्र फाउंडेशन नागपुर और विप्र वसुंधरा चैरिटेबल ट्रस्ट द्वारा संयुक्त रूप से इस स्नेहमिलन के कार्यक्रम का आयोजन जवाहर विद्यार्थी गृह में किया गया। इस महोत्सव का यह 44वां वर्ष है। कार्यक्रम में बनारस घराने के प्रसिद्ध गायक सुर शिरोमणि पं. सोमनाथ मिश्र व स्वरविदुषि संध्या मिश्र द्वारा गायन की प्रस्तुति दी गई। तबले पर मोइम खान, आर्यन मिश्र, ऑक्टोपड पर राकेश जैन, ढोलक पर शुभम उपाध्याय, कीबोर्ड पर सोनू शुक्लानंद थे। इस दौरान बार्सिलोना स्पेन की अभिनेत्री नीरा सुआरेज  द्वारा मनमोहक नृत्य-संगीत की प्रस्तुति दी गई। इस अवसर पर दैनिक भास्कर ने नीरा सुआरेज से खास बातचीत की।

सवाल -भारत कब आना हुआ?
जवाब : 2009 में पहली बार भारत आई, 2011 से 2013 तक बनारस में रही और 2016 से अब मुंबई में रह रही हूं।

सवाल -पश्चिमी संस्कृति को छोड़ भारतीय संस्कृति में रुझान कैसे आया?
जवाब : मुझे डांस बेहद पसंद है, खासकर भारतीय संस्कृति की तरफ काफी झुकाव था। बनारस घराने से माता प्रसाद मिश्र के सानिध्य में कथक सीखा और मुंबई में अदिति भगवत से सीखा।

सवाल : भारतीय संस्कृति में खुद को ढालना, कथक के राग समझना कितना मुश्किल रहा?
जवाब : हिंदी सीखने में काफी दिक्कत गई। लेकिन जिस देश में रहना है वहां खुद को ढालना बेहद जरूरी है। कथक में लिरिक्स को समझना पहले मुश्किल था अब आसान लगता है।

सवाल -डांस आपके लिए क्या है?
जवाब :  ये एक तरह की भावना है, जिसमें  बहकर एक कला का सृजन होता है। अलग-अलग गानों पर आपके चेहरे के भावों  से दर्शकों से भावनात्मक रूप से जुड़ना काफी अलग अनुभव है। 

सवाल -दर्शकों  का कैसा प्रतिसाद मिलता है?
जवाब : अमूमन लोग मेरा गोरा रंग देखते हैं, वे पहले यही धारणा मन में बना लेते हैं कि ये भारतीय नृत्य नहीं कर पाएगी, लेकिन स्टेज पर मेरी प्रस्तुति देखने के बाद वे सब दंग रह जाते हैं।

सवाल -परिजनों की क्या प्रतिक्रिया मिलती है?
जवाब : पहले घरवाले भी बोलते थे भारत में अकेले जाकर क्या करोगी? लेकिन अब उन सबको भी यहां आकर बहुत खुशी होती है। मेरे काम से वे सभी खुश हैं।


 

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