दोनों सदनों में शोक प्रस्ताव, दिवंगतों को श्रद्धांजलि, इस बात को लेकर याद आए डावखरे

दोनों सदनों में शोक प्रस्ताव, दिवंगतों को श्रद्धांजलि, इस बात को लेकर याद आए डावखरे

Bhaskar Hindi
Update: 2018-02-26 13:50 GMT
दोनों सदनों में शोक प्रस्ताव, दिवंगतों को श्रद्धांजलि, इस बात को लेकर याद आए डावखरे

डिजिटल डेस्क, मुंबई। विधान परिषद में राष्ट्रवादी कांग्रेस के सदस्य सुनील तटकरे ने कहा कि सदन के पूर्व उपसभापति दिवंगत वसंत डावखरे के निधन से विधानमंडल के बसंत पर्व का समापन हो गया है। तटकरे ने डावखरे के व्यक्तित्व, हाजिर जवाबी और कार्यशैली को याद किया। तटकरे ने डावखरे को लेकर अपने संस्मरण भी सुनाए। विधानमंडल के बजट सत्र के पहले दिन दोनों सदनों के दिवंगत सदस्यों को श्रद्धांजलि देने के लिए दोनों सदनों में शोक प्रस्ताव पेश किए गए।

हाजिर जवाब डावखरे
तटकरे ने विधान परिषद में डावखरे को याद करते हुए बताया कि आखों के ऑपरेशन की वजह से डावखरे एक कार्यक्रम में काला चश्मा पहन कर आए थे। तभी उनको देखकर एक पार्टी के नेता ने कहा कि करुणानिधि आए हुए हैं। इसके जवाब में डावखरे ने कहा, ‘मैं करुणानिधि हूं तो जयललिता कहां पर हैं।’ सोमवार को विधान परिषद में सदन के नेता व पूर्व मंत्री चंद्रकांत पाटील ने पूर्व सभापति नारायण फरांदे, पूर्व उपसभापति वसंत डावखरे, पूर्व विधान परिषद सदस्य व पूर्व मंत्री मधुकराव घनश्यामराव किंमतकर और पूर्व विधान परिषद सदस्य चंद्रकांत जगताप के निधन पर शोक प्रस्ताव पेश किया।

शुरु की थी यह परंपरा
तटकरे ने कहा कि सदन में विभिन्न समस्याओं को सुलझाने के लिए सरकार को निर्देश देने की परंपरा डावखरे ने ही शुरू की। तटकरे ने कहा कि डावखरे अधिवेशन के दौरान सदन के सदस्यों के लिए भोजन की बेहतरीन व्यवस्था करते थे। परिवहन मंत्री दिवाकर रावते ने कहा कि डावखरे राष्ट्रवादी कांग्रेस में होने के बावजूद अपने जन्मदिन पर हर साल शिवसेना प्रमुख दिवंगत बालासाहब ठाकरे से आशीर्वाद लेने के लिए मातोश्री आते थे। उनके हर दल के नेतओं के साथ अच्छे संबंध थे लेकिन उन्होंने पार्टी के प्रति अपने निष्ठा को कभी नहीं छोड़ा।

अलग विदर्भ के लिए आवाज उठाते रहे किंमतकर
इस बीच कांग्रेस सदस्य शरद रणपीसे ने पूर्व मंत्री किंमतकर को याद किया। रणपीसे ने कहा कि किंमतकर ने पूरे जीवन भर विदर्भ के असंतुलित विकास और सिंचाई के मुद्दे पर संघर्ष किया। इस मुद्दे पर वह पार्टी लाइन से ऊपर उठकर अपनी राय व्यक्त करते थे। जोगेंद्र कवाडे ने कहा कि किंमतकर ने अलग विदर्भ की मांग को लेकर हमेशा आवाज उठाई। उनके इस संघर्ष से लगता था कि विदर्भ की आवाज सुनने वाला कोई नेता हमारे बीच है।

विधान सभा में शोक प्रस्ताव
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने विधानसभा के पूर्व सदस्य जयंत ससाणे, हाफिजभाई धत्तुरे, चिंतामण वनगा व कमल देसाई के निधन पर शोक प्रस्ताव पेश किया। इस दौरान विपक्ष के नेता राधाकृष्ण विखे पाटील, सार्वजनिक निर्माण कार्य मंत्री (सार्वजनिक उपक्रम) एकनाथ शिंदे, आदिवासी विकास मंत्री विष्णु सवरा, राष्ट्रवादी कांग्रेस के सदस्य अजित पवार, शेकाप के सदस्य गणपत पाटील, भाजपा के सदस्य एकनाथ खडसे ने दिवंगत सदस्यों को याद करते हुए शोक व्यक्त किया।

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