न्यायिक अधिकारियों के पेंशन मामले में हाईकोर्ट का कड़ा रुख, अवमानना जारी करने के दिए संकेत

न्यायिक अधिकारियों के पेंशन मामले में हाईकोर्ट का कड़ा रुख, अवमानना जारी करने के दिए संकेत

Bhaskar Hindi
Update: 2018-04-16 12:28 GMT
न्यायिक अधिकारियों के पेंशन मामले में हाईकोर्ट का कड़ा रुख, अवमानना जारी करने के दिए संकेत

डिजिटल डेस्क, मुंबई। बांबे हाईकोर्ट ने न्यायिक अधिकारियों की पेंशन के मामले को लेकर कड़ा रुख अपनाया है। हाईकोर्ट ने कहा है कि यदि इन अधिकारियों के पेंशन के लिए उनके वेतन से कटौती की जा रही होगी तो विधि व न्याय विभाग के सचिव के खिलाफ न्यायालय की अवमानना का नोटिस जारी किया जाएगा। जस्टिस अभय ओक व जस्टिस रियाज छागला की बेंच ने सामाजिक कार्यकर्ता विहार ध्रुर्वे की ओर से दायर जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान उपरोक्त बात कही। 

इससे पहले याचिकाकर्ता की ओर से पैरवी कर रहे अधिवक्ता एस.जलान ने कहा कि हाईकोर्ट ने 11 अगस्तल 2017 को दिए गए अपने फैसले में सरकार के उस शासनादेश में पर रोक लगा दी थी जिसके तहत न्यायिक अधिकारियों के पेंशन की रकम उनके वेतन से कांटने का प्रावधान किया गया था। उन्होंने कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि सरकार अदालत के आदेश के बावजूद न्यायिक अधिकारियों को पेंशन देने के लिए उनके वेतन से दस प्रतिशत रकम को काट रही है। 

न्यायालय की अवमानना जारी करने के दिए संकेत 
उन्होंने कहा कि सरकार का पेंशन से जुड़ा शासनादेश सिर्फ सरकारी कर्मचारी के लिए है। यह नवंबर 2005 के बाद नियुक्त न्यायिक अधिकारियों पर लागू नहीं होता है। उन्होंने कहा कि न्यायिक अधिकारियों का वेतन पद्मनाभन व शेट्टी आयोग की सिफारिसों के तहत तय होता है। इस दौरान बेंच को बताया गया कि हाईकोर्ट के 11 अगस्त 2017 के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। 

मामले से जुड़े सभी पक्षों को सुनने के बाद बेंच ने सरकारी वकील को कहा कि वे मामले की अगली सुनवाई के दौरान निर्देश लेकर बताए कि क्या पेंशन के लिए न्यायिक अधिकारियों के वेतन में कटौती की जाती है? यदि कटौती की जा रही होगी तो हम विधि व न्याय विभाग के सचिव के खिलाफ न्यायालय की अवमानना का नोटिस जारी करेगे। हाईकोर्ट ने इस मामले की सुनवाई 18 अप्रैल तक के लिए स्थगित कर दी है। 

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