यूनिवर्सिटी के आदेश पर स्थगन , शिवाजी शिक्षा संस्था को राहत
यूनिवर्सिटी के आदेश पर स्थगन , शिवाजी शिक्षा संस्था को राहत
डिजिटल डेस्क, नागपुर । बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर खंडपीठ ने राष्ट्रसंत तुकड़ोजी महाराज नागपुर विश्वविद्यालय के उस फैसले पर स्थगन लगा दिया है, जिसमें विश्वविद्यालय ने शिवाजी शिक्षा संस्था पर 10 लाख रुपए का जुर्माना लगाया था। हाईकोर्ट ने मामले को अंतिम सुनवाई के लिए दायर कर लिया है।
मामला जनवरी-2018 का
शिवाजी शिक्षा संस्था द्वारा नागपुर में शिवाजी साइंस कॉलेज संचालित किया जाता है। उस वक्त डॉ. देवेंद्र बुरघाटे प्राचार्य की जिम्मेदारी संभाल रहे थे। संस्था का ही एक और साइंस कॉलेज भंडारा जिले के पवनी में भी है। वर्ष-2014 में यहां प्राचार्य का पद रिक्त हुआ। राज्य सरकार के नियमों के अनुसार प्राचार्य पद पर स्थाई नियुक्ति होने तक कॉलेज के ही किसी वरिष्ठतम प्राध्यापक को कार्यकारी प्राचार्य बनाया जाता है। ऐसा करते समय बाकायदा विश्वविद्यालय से मान्यता लेनी होती है।
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संस्था ने 19 अगस्त 2014 को डॉ. बुरघाटे को ही पवनी के कॉलेज के प्राचार्य का अतिरिक्त कार्यभार दिया और इसके लिए नागपुर विश्वविद्यालय से किसी तरह की कोई अनुमति नहीं ली गई। शिवाजी शिक्षा संस्था ने पौनी के कॉलेज के कार्यकारी प्राचार्य के रूप में डॉ. बुरघाटे की नियुक्ति की मान्यता प्राप्त करने के लिए नागपुर विश्वविद्यालय को प्रस्ताव भेजा, तब कहीं जाकर विवि को इस प्रकरण की जानकारी हुई थी। मैनेजमेंट काउंसिल ने इसके बाद संस्था और प्राचार्य पर जुर्माना लगाया था। मामले में संस्था की ओर से एड. कुलदीप महल्ले ने पक्ष रखा।