हाईकोर्ट ने खारिज की वीवीपैट को चुनौती देने वाली याचिका, सुप्रीम कोर्ट में हो चुकी सुनवाई
हाईकोर्ट ने खारिज की वीवीपैट को चुनौती देने वाली याचिका, सुप्रीम कोर्ट में हो चुकी सुनवाई
डिजिटल डेस्क, मुंबई। बांबे हाईकोर्ट ने वोटर वेरिफिएबल पेपर ऑडिट ट्रेल (वीवीपैट) उपकरण को अधिक पारदर्शी व खामीरहित बनाने की मांग को लेकर दायर जनहित याचिका को खारिज कर दिया है। हाईकोर्ट ने कहा कि लोकसभा चुनाव को कुछ दिन ही शेष बचे है। साथ वीवीपैट से जुड़ा मामला तकनीकी है। इसलिए हम इस मामले में हस्तक्षेप नहीं कर सकते है।
महानगर निवासी प्रशांत यादव ने इस विषय पर अधिवक्ता शेखर जगताप के माध्यम से हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी।। याचिका में दावा किया गया था कि वीवीपैट प्रमाणिक नहीं है क्योंकि इसमें साफ्टवेयर व चुनाव चिन्ह अपलोड करते वक्त छेडछाड़ होने की आशंका से इंकार नहीं किया जा सकता। याचिका में दावा किया गया था कि मतदान को लेकर चुनाव आयोग ने जो क्रम तय किया है वह सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ है। यह क्रम वीवीपैट की प्रमाणिकता पर सवाल उठाता है।
मंगलवार को मुख्य न्यायाधीश प्रदीप नांदराजोग व न्यायमूर्ति एनएम जामदार की खंडपीठ के सामने सुनवाई हुई। इस दौरान याचिकाकर्ता के वकील शेखरजगताप ने कहा कि वीवीपैट में अभी भी काफी मानवीय हस्तक्षेप है। इसलिए वीवीपैट से छेड़छाड होने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता है। जिससे यदि कोई एक पक्ष को वोट देता है तो उसका वोट दूसरे पक्ष को जा सकता है। क्योंकि वीवीपैट के कंट्रोल युनिट से छेड़छाड हो सकती है। वहीं चुनाव आयोग की ओर से पैरवी कर रहे वकील प्रदीप राजगोपाल ने कहा कि यह याचिका सुनवाई योग्य नहीं है। क्योंकि सुप्रीम कोर्ट इस मामले को देख चुका है।
इस मामले से जुड़े दोनों पक्षों को सुनने के बाद खंडपीठ ने कहा कि यह मामला तकनीक से जुड़ा है और चुनाव को कम वक्त बचा है। इसलिए हम हस्तक्षेप नहीं कर सकते। यह कहते हुए खंडपीठ ने याचिका को खारिज कर दिया। गौरतलब है कि वीवीपैट मशीन से मतदान के बाद एक पर्ची निकलती है जो मतदाता को यह बताती है कि उसने किसे अपना वोट दिया है। जिससे उसके मतदान का सत्यापन होता है।