दोनों युवकों के 24 घंटे बाद मलबे में मिले शव, नागपुर से बुलवाई गई एसडीआरएफ की टीम
मौत का कुआं दोनों युवकों के 24 घंटे बाद मलबे में मिले शव, नागपुर से बुलवाई गई एसडीआरएफ की टीम
डिजिटल डेस्क, समुद्रपुर. तहसील के गौल (भोसा) परिसर में बुधवार दोपहर में कुएं में धंसने से दो लोग मलबे में दब गए थे। जिनके शव 24 घंटे बाद गुरुवार को निकाले गए। इन दोनों को बचाने का काम बुधवार की दोपहर से राहत बचाव शुरू किया गया लेकिन बुधवार देर रात अंधेरा होने के कारण इस कार्य को रोक दिया गया था। गुरुवार सुबह से राहत-बचाव कार्य दोबारा शुरू किया गया। दोपहर के समय एक मजदूर का शव दो टुकड़ों में पाया गया। इसके कुछ देर बाद दूसरे व्यक्ति के शव को भी बाहर निकाला गया। मृतकों के नाम अमोल टेंभरे व पंकज खड़से बताए जाते हैं। राहत-बचाव कार्य के लिए नागपुर से एसडीआरएफ की टीम भी मौके पर दाखिल हुई थी। एक पोकलैन व तीन जेसीबी की सहायता मलबा हटाने का काम किया गया।उल्लेखनीय है कि, गौल (भोसा) परिसर में सर्जेराव भलमे के खेत में बुधवार को कुआं खुदाई का काम शुरू था। दोपहर साढ़े तीन बजे के दौरान 30 फीट के गड्ढे में रिंग बिछाने का काम जारी था। तीन रिंग पूरी हो चुकी थी और चौथी रिंग डालने का कार्य जारी था। इसी समय कुएं का एक हिस्सा ढह गया। इस समय अमोल टेंभरे के साथ पंकज खड़से (खड़तकर), मयूर टेम्भरे, मनोज टेम्भरे तथा गणेश वरभे काम कर रहे थे। एक भाग से मलबा ढहने से वरभे पिता पुत्र, मयूर और मनोज टेम्भरे किसी तरह बच गए परंतु अमोल टेंभरे व पंकज खड़से 30 फीट गहरे कुएं में गिर गए। इस दौरान मिट्टी खिसकने से पूरा मलबा भी उन पर गिर गया। इससे दोनों कुएं में फंस गए। घटना की जानकारी मिलते ही समुद्रपुर के तहसीलदार राजू रणवीर, सेलू के तहसीलदार महेंद्र सूर्यवंशी, सिंदी के थानेदार चंद्रशेखर चकाटे, पटवारी मंजुषा नागुलवार मौके पर पहुंचे। इसके पश्चात मदद कार्य शुरू हुआ। लेकिन रात में अंधेेरा होने से बचाव कार्य रोक दिया गया। इस दौरान नागपुर से एसडीआरएफ की टीम भी बुलाई गई। गुरुवार सुबह फिर से एक पोकलैंड, तीन जेसीपी की सहायता से युद्ध स्तर पर बचाव कार्य शुरू किया गया। गुरुवार की दोपहर में 24 घंटे के बाद अमोल टेंभरे का शव दो हिस्सों में मिला। सिर व शरीर अलग-अलग मिलने से खलबली मच गई। वहीं उसके कुछ समय में ही पंकज का भी शव पाया गया।