जिला अस्पताल में खुले में फेंक रहे बायो मेडिकल वेस्ट, संक्रमण का खतरा

लगातार लापरवाही कर रहे जिम्मेदार जिला अस्पताल में खुले में फेंक रहे बायो मेडिकल वेस्ट, संक्रमण का खतरा

Bhaskar Hindi
Update: 2023-01-25 12:58 GMT
गड़चिरोली में जिला खनिज निधि का नहीं हो रहा कोई उपयाेग!

डिजिटल डेस्क,कटनी। जिला अस्पताल कटनी में प्रबंधन की लापरवाही से कैंपस के अंदर गंदगी पसरी हुई है। आलम ये हे कि अस्पाल परिसर में जैविक कचरा व अन्य बायो मेडिकल वेस्ट खुलेआम फेंके जा रहे है। उसका उठाव तक प्रतिदिन नहीं कराया जाता है। बल्कि, तीन से चार दिन के अंतराल पर ठेका कंपनी वायो मेडिकल वेस्ट का उठाव करती है। वहीं दूसरी ओर स्थिति यह रहती है कि कैंपस की गंदगी वार्डों में भर्ती मरीजों तक पहुंच जाती है। इससे मरीजों में इंफेक्शन का खतरा बढ़ गया है।

इसी तरह सीधा खामियाजा मरीजों को भुगतना पड़ता है। इसको लेकर समय समय पर प्रबंधन को संज्ञान में लोग लाते भी हैं। लेकिन, प्रबंधन की ढील के चलते व्यवस्था पटरी से उतरती रहती है। जिलेभर के लोग इलाज कराने पहुंचते, हर जगह परेशानी जिला अस्पताल कटनी में शहर के अलावा पूरे जिले से लोग इलाज कराने पहुंचते हैं। सीधी बात की जाए, तो 400 से ज्यादा ग्राम पंचायतों के मरीज जिला अस्पताल पर निर्भर हैं। वहीं पड़ोसी जिले पन्ना व सतना के मरीज भी कई बार कटनी आते हैं। उसके बावजूद जिम्मेदारों द्वारा लापरवाही समझ से परे है।

वैक्सीन भंडारण के पास डाल रहे कचरा, नहीं देते ध्यान

जिला अस्पताल में वैक्सीन भंडार के पास बायोमेडीकल वेस्ट खुले में फेका जा रहा है। वहीं जिला अस्पताल की नई बिल्डिंग है। यहां पर महिलाएं प्रसव के लिए भर्ती होती हैं। इसके अलावा यहां पर नसबंदी आपरेशन भी किए जाते हैं। जिला अस्पताल में फैली गंदगी इन मरीजों को सबसे अधिक परेशानी हो रही है।

क्या होता है बायोमेडिकल कचरा, सभी के लिए यह हानिकारक 

बायोमेडिकल कचरा अस्पताल से निकलने वाला अपशिष्ट पदार्थ व कचरा होता है। जिसमें उपयोग की गई सूइयां, ग्लूकोज की बोतलें, एक्सपायरी दवाएं, दवाइयों के रैपर, मरीजों के डायपर, गंदे कपड़े, रक्त सनी रुई सहित मानव शरीर के सड़े गले अंग होते हैं। इसमें गंभीर बीमारियां और संक्रमण फैलने का खतरा होता है। इस कचरे का उचित प्रबंध करना सभी अस्पतालों की जिम्मेदारी है और इसके लिए कड़े नियम बने हुए हैं। बायोमेडिकल कचरा फेंकने पर सजा का प्रावधान  बायोमेडिकल कचरे का सही ढंग से निपटान करने के लिए सरकार ने कानून तक बनाया है। लेकिन इसका ठीक पालन होता दिख नहीं रहा है। इसके लिए केंद्र सरकार ने पर्यावरण संरक्षण के लिए बायोमेडिकल वेस्ट (प्रबंधन व संचालन) नियम, 1998 बनाया है।  नहीं है इंसीनरेटर मशीन जिला अस्पताल में मशीन न होने से अस्पताल का बॉयो मेडीकल वेस्ट कई बार खुले में फेका जा रहा है।

गंदगी व बदबू

जैविक कचरा से चारों ओर कई मीटर तक गंदगीव बदबू फैल रही है। कचरे का ढेर लगे रहने से लोगों के सामने संक्रमण बीमारी का खतरा मंडरा रहा है। बावजूद इसके स्वास्थ्य विभाग नहीं चेत रहा है।

फिर भी सफाई का दावा

अस्पताल प्रबंधन का दावा है कि ऐसा नहीं हो रहा है। गाड़ी आ रही है, लेकिन यहां पर जमीनी स्थिति कुछ और है। जिले के सबसे बड़े शासकीय अस्पताल से निकलने वाले बॉयोमेडिकल वेस्ट को नष्ट करने के लिए अस्पताल में इंसीनरेटर मशीन नहीं हैं।

जबलपुर भेजा जाता कचरा

जिला अस्पताल कटनी का कचरा जबलपुर भेजा जा रहा है। इस स्थिति में कई बार परिवहन में समस्या होने पर कचरा अस्पताल में ही पड़ा रह जाता है। ऐसे में अस्पताल का बायोमेडीकल वेस्ट कई बार नगरनिगम की कचरा गाडिय़ों में भरकर खुले में ही फेका जा रहा है। इससे बीमारियों के फैलने का खतरा बना है। नगर व ग्रामीण क्षेत्रों से आने वाले मरीजों को कई प्रकार की बीमारी
फैलने का खतरा बना रहता है।

इनका कहना है

जिला अस्पताल में कचरा खुले में न फेका जाए। इसके इंतजाम किए जाते हैं। बायोमेडीकल वेस्ट जबलपुर भेजे जाने के लिए गाड़ी आती है। फिर भी कहीं समस्या आती है, तो उसे दिखवाया जाएगा।
-डॉ प्रदीप मुडिय़ा, सीएमएचओ, कटनी
 

Tags:    

Similar News