भालू के शिकारी को तीन साल की कैद

छिंदवाड़ा भालू के शिकारी को तीन साल की कैद

Bhaskar Hindi
Update: 2022-07-12 12:57 GMT
भालू के शिकारी को तीन साल की कैद

डिजिटल डेस्क, छिंदवाड़ा। हर्रई में करंट फैलाकर भालू के शिकारी को दोषी करार देते हुए मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी शिव मोहर ङ्क्षसह ने तीन साल की कैद और दस हजार रुपए के अर्थदंड से दंडित किया है। आरोपी ने अपने साथी के साथ मिलकर तंत्र-मंत्र की मंशा से भालू का शिकार किया था। प्रकरण के एक आरोपी की मृत्यु हो चुकी है।
अभियोजन अधिकारी अभयदीप ङ्क्षसह ठाकुर ने बताया कि ३ फरवरी २०१४ को वनरक्षक अनिल खोबरिया अपने साथियों के साथ कुंडाली बीट में वृक्षों की गणना कर रहा था। तभी उसने तेंदुवाली झाड़ी के समीप एक पत्तियों के ढेर से ढंके भालू का शव देखा। भालू के पंजे व अन्य अंग गायब थे। मुखबिर की सूचना पर फॉरेस्ट टीम ने कुंडाली निवासी देवीलाल पिता सुखई और ओमकार पिता रामदयाल को पकड़ा। जिन्होंने स्वीकार किया कि करंट फैलाकर उन्होंने भालू का शिकार किया था। आरोपियों ने तंत्र-मंत्र और ताकत बढ़ाने की मंशा से भालू के पंजे और अंग काटे थेे। आरोपियों की निशानदेही पर फॉरेस्ट टीम ने भालू के पंजे जब्त कर प्रकरण दर्ज किया था। इस मामले में न्यायाधीश ने देवीलाल पिता सुखई को दोषी करार देते हुए तीन साल के कारावास और दस हजार रुपए के अर्थदंड से दंडित किया है। प्रकरण के सह अभियुक्त ओमकार की मृत्यु हो जाने से उसके विरुद्ध निर्णय पारित नहीं किया गया।

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