पुलिस के हत्थे चढ़ा फर्जी कागजात के आधार पर जमानत दिलाने वाला गिरोह

पुलिस के हत्थे चढ़ा फर्जी कागजात के आधार पर जमानत दिलाने वाला गिरोह

Bhaskar Hindi
Update: 2018-10-26 16:23 GMT
पुलिस के हत्थे चढ़ा फर्जी कागजात के आधार पर जमानत दिलाने वाला गिरोह

डिजिटल डेस्क, मुंबई। फर्जी कागजात के आधार पर जेल में बंद आरोपियों को जमानत देने वाले एक गिरोह से जुड़े आठ लोगों को अपराध शाखा ने गिरफ्तार किया है। छानबीन में खुलासा हुआ है कि एक साल से सक्रिय इस गिरोह ने 150 से ज्यादा आरोपियों को जमानत पर रिहा कराया है। एक आरोपी को रिहा कराने के बदले 40-45 हजार रुपए वसूले जाते थे। पुलिस ने आरोपियों को उस वक्त दबोचा जब वे इसी तरह एक आरोपी जो जमानत दिलाने सत्र न्यायालय परिसर में पहुंचे थे।

दरअसल पुलिस को इस गिरोह की भनक उस वक्त लगी जब कुछ दिनों पहले मजिस्ट्रेट कोर्ट से एक आरोपी को जमानत दिलाई गई। छानबीन के बाद इस बात की पुष्टि हुई कि अदालत में जमा किए गए कागजात फर्जी थे। इसके बाद से ही अपराध शाखा ने आरोपियों की तलाश शुरू की और उसे भनक लगी कि गिरोह एक और आरोपी को फर्जी कागजात के आधार पर जमानत दिलाने के लिए आ रहा है। इसके बाद जाल बिछाकर सभी को दबोचा गया। डीसीपी दिलीप सावंत ने बताया कि आरोपियों के पास से 78 फर्जी राशन कार्ड, महानगर के विभिन्न पुलिस स्टेशनों के सीनियर इंस्पेक्टरों की 55 फर्जी मुहरें, नकली रबर स्टैंप, फर्जी पैन कार्ड, कंपनियों के 58 फर्जी सैलरी स्लिप और 12 फर्जी मार्कशीट समेत इन्हें तैयार करने के लिए इस्तेमाल होने वाला कंप्यूटर, स्कैनर मशीन, पेन ड्राइव आदि जब्त किए गए हैं। मामले में गिरफ्तार आरोपियों के नाम शाकिर हुसैन खान, शफीक कुरैशी, फय्याज खान, इमरान सुलमानी, मोहम्मद परवेज शेख, रियाज पठान, मुजफ्फर काजी और यूसुफ खान है। 

सरगना की तलाश
मामले में अब तक जिन आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है वे ऑटोरिक्शा ड्राइवर, मजदूर आदि है। लेकिन इस गिरोह का सरगना कोई और है पुलिस उसकी तलाश कर रही है। पुलिस को शक है कि मामले में कुछ पुलिसवालों और वकीलों की भी मिलीभगत हो सकती है।    
 

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