चंदेल बस की चपेट में आए बागरी बस के कंडक्टर की मौत
सतना चंदेल बस की चपेट में आए बागरी बस के कंडक्टर की मौत
डिजिटल डेस्क, सतना। सड़क परिवहन विभाग की अदूरदर्शिता के साथ पुलिस की लापरवाही के चलते परमिट की समय-सीमा के साथ सवारियों को लेकर बस ऑपरेटरों के बीच की गलाकाट प्रतिद्वंदिता में एक कंडक्टर की जान चली गई। इसी खींचतान का दुष्परिणाम मंगलवार सुबह तब देखने को मिला, जब अपनी गाड़ी में सवारियां बैठा रहे कंडक्टर को दूसरी बस के ड्राइवर ने टक्कर मारकर चपेट में ले लिया। यह घटना कोलगवां थाने से मात्र 2 सौ मीटर की दूरी पर घटी। पुलिस ने बताया कि बागरी ट्रेवल्स की बस मंगलवार सुबह सवा 11 बजे स्टैंड से निकलकर सेमरिया चौक पहुंची, जहां कंडक्टर मयंक पांडेय उर्फ धीरू पुत्र तारेश पांडेय (30) निवासी सेमरिया जिला रीवा, नीचे उतरकर सवारियों को बैठाने लगा, तभी साढ़े 11 बजे की परमिट वाली चंदेल ट्रेवल्स की बस क्रमांक एमपी 19 पी- 1115 आ गई, जिसके चालक छोटे यादव निवासी बदखर ने लापरवाही पूर्वक गाड़ी चलाते हुए धीरू को टक्कर मार दी, जिससे वह नीचे गिर गया और पलक झपकते ही एक टायर कमर के ऊपर से निकल गया। दुर्घटना के बाद आरोपी चालक अपने कंडक्टर मुुंडी चिकवा के साथ बाइक पर बैठकर भाग निकला। वहीं घायल युवक को उसके सहकर्मी फौरन जिला अस्पताल ले गए, जहां प्राथमिक उपचार के बाद डॉक्टर ने एसजीएमएच रीवा के लिए रेफर किया गया, मगर परिजन धीरू को जबलपुर ले गए, जहां अस्पताल पहुंचने से पहले ही शाम लगभग 4 बजे उसकी सांसें थम गईं, ऐसे में शव लेकर सतना लौट आए।
एक दिन पहले ही काम पर आया था मृतक ---
ृधीरू के परिजनों ने बताया कि उन्होंने सोमवार से ही ड्यूटी शुरू की थी। मृतक अपनी माता-पिता का इकलौता बेटा था। उसके परिवार में पत्नी विद्या पांडेय और दो बेटे अभि (8) और अनिमेष (6) हंै। युवक अपने परिवार का इकलौता कमाने वाला था। घटना को लेकर परिजनों और रिश्तेदारों ने आक्रोश जताते हुए आरोपी ड्राइवर और कंडक्टर की गिरफ्तारी होने के बाद ही पोस्टमार्टम कराने की बात कही है। आरोप है कि सवारियों को लेकर हुए विवाद के बाद चंदेल बस के कंडक्टर ने धीरू को धक्का देकर सड़क पर गिरा दिया, जिसके बाद ड्राइवर ने बस चढा दी।
15 मिनट के अंतराल में परमिट ---
बागरी बस के रवाना होने का समय सुबह सवा 11 का है, जबकि चंदेल बस साढ़े 11 बजे रीवा के लिए छूटती हैं। इसी गलाकाट प्रतिस्पर्धा और ज्यादा से ज्यादा सवारियों को अपनी गाडिय़ों में बैठाने के चक्कर में यह घटना हो गई और कंडक्टर को जान गंवानी पडी। बसों के नम्बर को लेकर आए दिन ऑपरेटरों और कर्मचारियों के बीच विवाद की स्थिति बनती है। कई बार तो मारपीट भी हो चुकी है, मगर इसका समाधान निकालने के लिए जिम्मेदार विभाग के लोग गंभीर नहीं हैं।