सेंसर बोर्ड के इस नियम से फिल्मों के प्रदर्शन पर पड़ रहा बुरा असर
सेंसर बोर्ड के इस नियम से फिल्मों के प्रदर्शन पर पड़ रहा बुरा असर
डिजिटल डेस्क, मुंबई। सब टाइटल वाली फिल्मों के लिए अलग से प्रमाणपत्र लेने के लिए केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (सेंसर बोर्ड) के नियम के चलते सैकड़ो फिल्मों का प्रदर्शन लटक गया है। इंडियन मोशन पिक्चर प्रोड्युसर एसोसिएशन (इम्पा) की ओर से पैरवी कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता अशोक सरावगी ने बांबे हाईकोर्ट को यह जानकारी दी है। सरावगी ने कहा कि सेंसर बोर्ड इस नियम के चलते फिल्मों की रिलीज पर असर पड़ रहा है। इसलिए इम्मा को इस प्रकरण में अतंरिम राहत प्रदान की जाए।
सबटाइटल वाली फिल्म के लिए अलग से प्रमाणपत्र लेने की अनिवार्यता के खिलाफ इम्मा ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की है। याचिका में सेंसर बोर्ड के नियम को मनमानीपूर्ण बताया गया है। इसके साथ ही दावा किया गया है कि यह नियम फिल्म निर्माताओं को परेशान करने के लिए बनाया गया है लिहाजा इसे निरस्त किया जाए।
सोमवार को न्यायमूर्ति भूषण गवई व न्यायमूर्ति एमएस कर्णिक की खंडपीठ के सामने याचिका सुनवाई के लिए आयी। इस दौरान श्री सरावगी ने कहा कि सेंसर बोर्ड के नियम कानून के खिलाफ है। इससे फिल्मों का प्रदर्शन प्रभावित हो रहा है। इस बीच उन्होंने सेंसर बोर्ड की ओर से मामले को लेकर दायर हलफनामे के जवाब में अपना हलफनामा दायर किया।
सुनवाई के दौरान सेंसर बोर्ड के वकील अद्वैत्य सेठना ने कहा कि उन्हें इस मामले में अपना पक्ष रखने के लिए थोड़ा वक्त दिया जाए। इसके बाद खंडपीठ ने मामले की सुनवाई एक सप्ताह तक के लिए स्थगित कर दी।