महाराष्ट्र में फलोत्पादन बढ़ाने 100 करोड़ की नई योजना को मिली मंजूरी
महाराष्ट्र में फलोत्पादन बढ़ाने 100 करोड़ की नई योजना को मिली मंजूरी
डिजिटल डेस्क, मुंबई। प्रदेश में फलबाग लगाने की नई योजना को राज्य मंत्रिमंडल ने मंजूरी दी है। सरकार ने दावा किया है कि इस फैसले से खाद्य प्रसंस्करण उद्योग को बढ़ावा मिलेगा। योजना के तहत किसानों के लिए फलबाग क्षेत्र की सीमा तय की गई है। प्रदेश में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के तहत फलबाग लगाने के लिए पात्र न हो होने वाले किसानों को इस योजना का लाभ मिल सकेगा।
योजना के लिए इस वर्ष 100 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। इस योजना के लिए कोंकण अंचल में अधिकतम 10 हेक्टेयर और शेष महाराष्ट्र में 6 हेक्टेयर जमीन की सीमा तय की गई है। फलबाग लगाने की अवधि 1 अप्रैल से नवंबर महीने तक की होगी। इस योजना को इसी साल से लागू किया जाएगा। योजना में किसानों को सिंचाई के लिए ड्रिप सेट का इस्तेमाल करना अनिवार्य होगा। लाभार्थी किसान को तीन साल के लिए सरकार की तरफ से 50:30:20 प्रतिशत के अनुपात में अनुदान दिया जाएगा। किसानों द्वारा लगाए गए फलबाग के पौधे पहले साल में 75 प्रतिशत और दूसरे साल में 90 प्रतिशत जीवत रहने चाहिए। यदि इस प्रमाण में पौधे जीवत नहीं रहे तो लाभार्थी को दूसरे और तीसरे साल का अनुदान नहीं मिलेगा।
प्रदेश में लगभग 18 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में फलबाग लगाए जाते हैं। केंद्र की मनरेगा योजना के तहत फलबाग लगाने के लिए आर्थिक मदद दी जाती है। लेकिन जिन किसानों के पास मनरेगा का जॉबकार्ड नहीं है। ऐसे किसानों को मनरेगा के तहत लाभ नहीं मिल पा रहा था, लेकिन अब सरकार की नई फलबाग योजना के तहत इन किसानों को फायदा मिल सकेगा।
इन फलों के लिए मिलेगा अनुदान
योजना में आम, अनार, काजू, अमरूद, सीताफल, आवला, जामुन, कोकम, कटहल, नींबू, नारियल, चिकू, संतरा, मौसंबी, अंजिर समेत अन्य फलों को लगाने के लिए सरकार आर्थिक मदद की जाएगी।