माफी मंजूर नहीं : टीआई और एसआई को कोर्ट से अर्थदंड
सतना माफी मंजूर नहीं : टीआई और एसआई को कोर्ट से अर्थदंड
डिजिटल डेस्क, सतना। पुलिस एक्ट की धारा- २९ के तहत एक ही मामले में दर्ज २ अलग-अलग विविध आपराधिक प्रकरण (एमजेसी) सिद्ध पाए जाने पर प्रथम श्रेणी न्यायिक मजिस्ट्रेट अदिति शर्मा की कोर्ट ने सिटी कोतवाली के टीआई एसएम उपाध्याय
को २ माह और सब इंस्पेक्टर रीना सिंह को एक माह का वेतन काटने की सजा सुनाई है। कत्र्तव्य के प्रति घोर लापरवाही और न्यायिक आदेशों की अवहेलना के इस गंभीर मामले में अदालत ने सब इंस्पेक्टर रीना सिंह के जवाबी तर्कों को खारिज करते हुए माफीनामा भी नामंजूर कर दिया है।
काम नहीं आई लॉ एंड आर्डर की आड़ :——
प्रकरण के मुताबिक पुलिस एक्ट की धारा- २९ के तहत अदालत में दर्ज एमजेसी
पर प्रथम श्रेणी न्यायिक मजिस्ट्रेट के समक्ष दाखिल जवाब में एसआई रीना सिंह ने कहा कि वह लॉ एंड ऑर्डर ड्यूटी और अवकाश में जाने के कारण कोर्ट के समक्ष प्रस्तुत होकर जवाब नहीं दे पाईं। लेकिन जवाब में एलओ ड्यूटी और लीव से संबंधित दस्तावेज संलग्न नहीं थे। प्रकरण के विचारण में कोर्ट को जवाब संतोषप्रद नहीं मिले। अत: आपराधिक प्रकरण (एमजेसी) सिद्ध पाए जाने पर एसआई की क्षमा याचना करते हुए प्रथम श्रेणी न्यायिक मजिस्ट्रेट ने एसपी को एसआई रीना सिंह का एक माह का वेतन काटे जाने के आदेश दिए। पुलिस एक्ट की धारा- २९ के तहत दोष सिद्ध पाए जाने पर अदालत ने सिटी कोतवाली के टीआई एसएम उपाध्याय को भी २ माह का वेतन काटे जाने की सजा दी।
क्या है पूरा मामला:-
ेपीडि़ता अर्चना के पिता रामानंद त्रिपाठी ने १८ मई २०२१ को यहां सिटी कोतवाली में बेटी को दहेज के लिए प्रताडि़त करने के आरोप लगाते हुए आरोपी पति योगेन्द्र शर्मा, जेठ देवेंद्र शर्मा, ससुर रामकरण, सास सरस्वती और जेठानी वंदना निवासी
रोहिणी दिल्ली के विरुद्ध शिकायत की थी। मगर, तब अपराध नहीं दर्ज किया गया। यातनाओं से आहत पीडि़ता की २३ मई २०२१ को मौत हो गई। मृत्यु के २ माह बाद १४ जुलाई २०२१ को राष्ट्रीय महिला आयोग की सख्ती पर सिटी कोतवाली में अपराध तो कायम किया गया लेकिन डेथ सर्टिफिकेट पेश करने के बाद भी दहेज हत्या की जगह दहेज प्रताडऩा का मामला कायम किया गया।