75 शहरों में बनाए जाएंगे अमृत वन उद्यान, हरेक जिले के 25 गांवों में पंचायतन वन उद्यान

महाराष्ट्र 75 शहरों में बनाए जाएंगे अमृत वन उद्यान, हरेक जिले के 25 गांवों में पंचायतन वन उद्यान

Bhaskar Hindi
Update: 2023-04-11 16:30 GMT
75 शहरों में बनाए जाएंगे अमृत वन उद्यान, हरेक जिले के 25 गांवों में पंचायतन वन उद्यान

डिजिटल डेस्क, मुंबई। आजादी के अमृत महोत्सव वर्ष में राज्य सरकार ने प्रदेश के 75 शहरों में अमृत वन उद्यान बनाने का फैसला लिया है। साथ ही हरेक जिले के 25 गांवों में वृक्षारोपण मुहिम के तहत पंचायतन वन उद्यान बनाए जाएंगे। इसके अलावा राज्य के 75 धार्मिक स्थलों पर बेल वन उद्यान का निर्माण होगा। तीनों योजनाओं के लिए अलग-अलग सरकारी आदेश जारी किए गए हैं। अमृत वन उद्यान में औषधीय  वनस्पति, दुर्लभ वनस्पती सहित राज्य के प्रमुख पौधे लगाए जाएंगे।  जिला या तहसील अथवा स्थानीय निकायों के 75 जगहों पर अमृत वन उद्यान के निर्माण के लिए वन जमीन, सरकारी जमीन, संबंधित स्थानीय निकाय अथवा वन विकास महामंडल की उपलब्ध 1 से 5 हेक्टेयर तक की जमीन का चयन करना होगा। अमृत वन उद्यान बनने के बाद अगले 7 सालों तक उसके संरक्षण और देखभाल की जिम्मेदारी वन विभाग की होगी। 7 साल पूरा होने के बाद वन विभाग को उद्यान की देखभाल के लिए स्थानीय निकायों, स्वयंसेवी संस्थाओं अथवा वन महामंडल को गारंटी पत्र लेकर हस्तांतरित करना होगा। इस योजना की अवधि साल 2023-24 से साल 2029-30 तक यानी 7 साल रहेगी। योजना अवधि खत्म होने के बाद उद्यान में पेड़ों की जानकारी संबंधित क्यूआर कोड, पैगोडा, हर्बल गार्डन आदि विभिन्न सरकारी योजनाओं के तहत तैयार की जाएंगी। अमृत वन उद्यान बनाने के खर्च को अंतिम मंजूरी नागपुर के प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वनबल प्रमुख) को देने का अधिकार होगा। 

पंचायतन वन उद्यान 

आजादी के अमृत काल में राज्य के ग्रामीण इलाकों में वन विभाग की ओर से हर जिले के 25 गांवों में बरगद, पीपल, नीम, देशी आम, बेल का पेड़ लगा कर पंचायतन वन उद्यान बनाया जाएगा। पंचायतन वन उद्यान बनाने के लिए वन जमीन, सरकारी जमीन, स्थानीय निकायों और वन महामंडल की उपलब्ध जमीन का चयन किया जाएगा। इसके लिए 0.5 एकड़ से 1 हेक्टेयर तक की जमीन का इस्तेमाल किया जा सकेगा। इस योजना की भी अवधि सात साल होगी। 

बेल वन उद्यान 

राज्य के 75 धार्मिक स्थलों पर वन विभाग की ओर से बेल, सीता अशोक, रुद्राक्ष, बेर, स्वस्तिक आदि पौधे तीर्थ क्षेत्रों पर लगाकर बेल वन उद्यान बनाया जाएगा। बेल वन उद्यान बनाने के लिए तीर्थस्थल वाले गांवों को प्राथमिकता दी जाएगी। वन जमीन, सरकारी जमीन, स्थानीय निकायों अथवा वन महामंडल की जमीन पर 1 से 2.5 एकड़ क्षेत्र में बेल वन उद्यान खोले जाएंगे।

Tags:    

Similar News