डॉ. आंबेडकर के आंदोलन स्थल बनेंगे तीर्थ और पर्यटन क्षेत्र
डॉ. आंबेडकर के आंदोलन स्थल बनेंगे तीर्थ और पर्यटन क्षेत्र
डिजिटल डेस्क, मुंबई। भारतरत्न डॉ. बाबासाहब आंबेडकर के आंदोलन स्थल को तीर्थ और पर्यटन क्षेत्र में विकसित किया जाएगा। रत्नागिरी और रायगड जिले में किए गए सामाजिक आंदोलन और उनके रहने की जगह को तीर्थ और पर्यटन क्षेत्र के रूप में विकसित करने के लिए 15 दिनों में अनुमानित बजट तैयार किया जाए। प्रदेश के सामाजिक न्याय मंत्री राजकुमार बडोले ने यह निर्देश दिए हैं। बडोले ने कहा कि काम में देरी होने पर संबंधित अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
125 जयंती वर्ष पर खास योजना
सरकार ने आंबेडकर की 125 जयंती वर्ष पर उनसे जुड़ी रत्नागिरी और रायगड़ जिले की जगहों को तीर्थक्षेत्र और पर्यटन क्षेत्र के रूप में विकसित करने का फैसला लिया है। बुधवार को मंत्रालय में बडोले ने कहा कि रायगड जिले के चरी में बनाए जाने वाले स्मारक के लिए सभी जरूरी अनुमतियों को जल्द हासिल करने के ले जरूरी कार्यवाही की जाए। महाड नगरपालिका को चवदार तालाब व क्रांतिस्तंभ का विकास काम करना चाहिए। जिले के समाज कल्याण सहायक आयुक्त को संबंधित काम के लिए विशेष ध्यान देना चाहिए।
जल्द बैठक बुलाने का निर्देश
बडोले ने भाजपा विधायक भाई गिरकर को रत्नागिरी जिले में किए जाने वाले काम के संबंध में बैठक बुलाने का निर्देश दिया। इस दौरान रत्नागिरी जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी लक्ष्मीनाराण मिश्रा समेत संबंधित विभागों के अधिकारी मौजूद थे। बडोले ने कहा कि रायगड और रत्नागिरी में किए जाने वाले कामों में जिन कामों का प्रारूप तैयार नहीं है, या फिर जगह का कब्जा नहीं मिला है। ऐसी जगहों को लेकर होने वाली अड़चन को दूर किया जाए।
पर्यटक स्थल के रूप में तैयार होंगे आंदोलन स्थल
भारत में समतामूलक समाज के पक्षधर और महान राजनेता सहित भारतीय संविधान के जनक बाबासाहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर का जन्म 14 अप्रैल 1891 को महू में हुआ था। इसके बाद उन्होंने समाज के दबे कुचले लोगों के लिए आवाज उठाई। उन्होंने कई आंदोलन किए, जिससे देश और साज को नई दशा और दिशा मिली। इसी के मद्देनजर उनके आंदोलन स्थल को पर्यटक स्थल के रूप में तैयार किया जाएगा।