A-1 होगा नागपुर रेलवे स्टेशन, अंतरराष्ट्रीय स्तर की सभी सुविधाएं मिलेंगी
A-1 होगा नागपुर रेलवे स्टेशन, अंतरराष्ट्रीय स्तर की सभी सुविधाएं मिलेंगी
डिजिटल डेस्क, नागपुर। नागपुर रेलवे स्टेशन जल्द ही A-1 ग्रेड में विकसित किया जाएगा। इस पर पहले फेज में करीब 200 करोड़ रुपए खर्च होंगे। यहां अंतरराष्ट्रीय स्तर की सुविधाएं यात्रियों को उपलब्ध हो सकेंगी। रेलवे बोर्ड ने भारत के कुल 27 स्टेशनों की लिस्ट जारी की है, जिनका विकास किया जाएगा। इस सूची में नागपुर भी शामिल है। पुनर्विकास कार्य के लिए इंडियन रेलवे स्टेशंस डेवलपमेंट कॉर्पाेरेशन (आईआरएसडीसी) को नोडल एजेंसी के रूप में चुना गया है। इसके लिए नागपुर में भी एक बिडर्स मीटिंग रखी गई थी, जिसमें एनिया कंपनी ने नागपुर स्टेशन के विकास का प्लान तैयार किया है। नागपुर स्टेशन की बिल्डिंग हेरिटेज के रूप में घोषित है, इसलिए इसमें कोई छेड़छाड़ नहीं की जाएगी। हो सकता है इस बिल्डिंग को कमर्शियल के लिए उपयोग किया जाए। प्लानिंग को अलग-अलग फेज में पूरा किया जाएगा। पहले फेज
के लिए आईआरएसडीसी ने राशि मंजूर की है।
मनपा में हुआ था मॉडल का प्रस्तुतिकरण
नागपुर रेलवे स्टेशन के लिए बेल्जियम की कंपनी एनिया आर्किटेक्ट्स ने डेवलपमेंट प्लान तैयार किया है, जिसे मनपा में होने वाली स्टेक होल्डर्स और बिडर्स मीट में प्रस्तुत किया गया था। इस बिडर्स मीट में नागपुर के इंवेस्टर्स सहित मनपा आयुक्त अभिजित बांगर, नगर रचना विभाग सहायक संचालक प्रमोद गावंडे, नगर रचनाकार श्रीकांत देशपांडे, आईआरएसडीसी वास्तुविद पी. एस. उत्तरवार, महाव्यवस्थापक अश्विनी कुमार सहित अन्य लोग उपस्थित थे।
55 हेक्टेयर भूमि पर होगा विकास
रेलवे स्टेशन के विकास के लिए स्टेशन के पूर्वी हिस्से में डेवलपमेंट किया जाएगा। संतरा मार्केट वाले क्षेत्र मंे पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप मॉडल (पीपीपी) पर होगा, जिसमें निजी कंपनी और सरकार के बीच विकास के लिए अनुबंध किया जाता है। इसके लिए एनिया कंपनी आगे आई है और पीपीपी मॉडल बनाया है। इसके लिए करीब 55.04 हेक्टेयर जमीन को 99 वर्ष के लिए लीज पर दिया जाएगा, जिसमें लीज प्रीमियम इंस्टालमेंट में भरी जाएगी।
पूर्व के हिस्से में बनेगा नया स्टेशन
इसमें पूर्व के हिस्से में स्टेशन बनाया जाएगा। साथ ही पूर्व से पश्चिम की ओर संतरा मार्केट वाले हिस्से से मुख्य स्टेशन बिल्डिंग के बीच एक पुल बनाया जाएगा, जहां पर यात्रियाें के बैठने की सुविधा होगी। इसमें यात्री प्लेटफार्म पर नहीं घूम पाएंगे। ट्रेन आने पर गेट खुलेगा और यात्री प्लेटफार्म पर जा सकेंगे।
कमर्शियल बिल्डिंग मॉल रेस्टॉरेंट भी
पूर्व के हिस्से को अराइवल यानि आगमन क्षेत्र और पश्चिम हिस्से को डिपार्चर यानी प्रस्थान क्षेत्र बनाया जाएगा। इसी के साथ लॉजिस्टिक सेंटर, कमर्शियल और रेजिडेंशियल बिल्डिंग बनाई जाएगी। इन कर्मशियल बिल्डिंग में इंवेस्टर्स कुछ भी कार्य कर सकेंगे। इसमें मॉल, रेस्टॉरेंट और दूसरे सेक्शन बन सकते हैं। पश्चिम क्षेत्र में पुरानी मुख्य स्टेशन बिल्डिंग को हेरिटेज के रूप में यथावत रखा जाएगा। साथ ही दोनों दिशाओं में अंडरग्राउंड पार्किंग की सुविधा भी होगी।
सभी कार्यालय स्थानांतरित होंगे
फिलहाल मुख्य इमारत के आसपास के सभी लोको पायलट लॉबी, कम्प्यूटराइज्ड रिसर्च सेंटर, क्लॉक रूम, स्टेशन एडमिन, टीटीई रेस्ट रूम कार्यालय हैं। इन कार्यालयों को पूर्व संतरा मार्केट क्षेत्र में शिफ्ट करने की योजना है। संतरा मार्केट क्षेत्र मंे कमर्शियल और रेसिडेंशियल डेवलपमेंट के लिए 4 मुख्य इमारतें होंगी। एप्रुवल मिलने के बाद इस विकास के लिए सेना भवन, मध्यप्रदेश परिवहन महामंडल, माॅडल स्कूल की जगह को अधिग्रहित किया जाएगा।
इंवेस्टर्स के लिए विशेष मापदंड
इस 200 करोड़ के प्लान में इंस्वेस्टर्स और बिडर्स को अपना प्रस्ताव रखना है। फिलहाल एनिया कंपनी ने अपना प्रस्ताव एनएमसी और रेलवे बोर्ड मेंबर्स के सामने रखा है। इसमें इंवेस्टर्स के प्रपोजल के लिए मापदंड भी निश्चित किया है, जिनमें परिपूर्ण होने के बाद ही प्रस्ताव रखने के लिए पात्र होंगे। पहले चरण के लिए टेंडर निकल चुका है, जो 18 जून को खुलेगा। टेंडर खुलने के बाद आगे का कार्य निश्चित किया जाएगा।
मनपा को भेजा गया प्रस्ताव
एनिया आर्किटेक्ट ने मनपा को अपना प्रस्ताव भेज दिया है, जिसमें एप्रुवल मांगा है। नगर रचना विभाग के अधिकारियों ने स्पष्ट किया है कि रेलवे की जितनी जमीन है, उसकी मंजूरी देने का अधिकाार मनपा का नहीं है, क्योंकि यह केंद्र सरकार की परियोजना है, लेकिन दूसरे ऐसे क्षेत्र हैं, जो रहवासी हैं और मनपा प्रशासन के अंतर्गत आते हैं, उनके दस्तावेज के साथ प्रस्ताव भेजें।
18 जून को खुलेगा टेंडर
पहले फेज के लिए टेंडर निकल चुका है, जिसमें रेलवे की जमीन पर निर्माण की अनुमति है। टेंडर 18 जून को खुलेगा और उसके बाद आगे का कार्य निश्चित किया जाएगा। -अश्विनी कुमार, कार्यकारी महाव्यवस्थापक, आईआरएसडीसी