दिन दहाड़े सड़क किनारे सरकारी एम्बुलेंस में मरीज के साथ शराब पी रहे ड्राइवर को डीएचओ ने पकड़ा
सतना दिन दहाड़े सड़क किनारे सरकारी एम्बुलेंस में मरीज के साथ शराब पी रहे ड्राइवर को डीएचओ ने पकड़ा
डिजिटल डेस्क,सतना । रामपुर बघेलान स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की एम्बुलेंस नंबर एमपी १९ जीए २९६१ में दिन दहाड़े सड़क किनारे दारुखोरी चल रही थी। यह एक इत्तेफाक ही था कि फील्ड विजिट पर निकले जिला स्वास्थ्य अधिकारी (डीएचओ) की नजर संदिग्ध हालत में खड़ी इस एम्बुलेंस पर पड़ी और उन्होंने शराबखोरी रंगे हाथ पकड़ ली। डीएचओ यह देख कर दंग रह गए कि एम्बुलेंस का ड्राइवर तो ड्राइवर उसके साथ पेशेंट और मरीज का एक परिजन भी शराब पी रहा था। डीएचओ ने मामले की शिकायत मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी से की है।
ऐसे आए पकड़ में :----------
दिन दहाड़े सड़क किनारे सरकारी एम्बुलेंस में मरीज और उसके परिजन के साथ शराब पी रहे एक ड्राइवर को मंगलवार की दोपहर डीएचओ डा. विजय आरख फील्ड विजिट पर थे। इसी बीच उनकी नजर सज्जनपुर में मतहा मोड़ पर सड़क किनारे खड़ी संदिग्ध हालत में खड़ी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र रामपुरबघेलान की एम्बुलेंस नंबर एमपी १९ जीए २९६१ पर पड़ी। विजिट के दौरान डीसीएम डा. ज्ञानेश मिश्रा और डा. प्राणेश तिवारी भी उनके साथ थे। तीनों तत्काल मौके पर पहुंचे तो देखा कि एम्बुलेंस का ड्राइवर रामसिया रावत और मरीज माधव कोल अपने एक और परिजन के साथ शराब पी रहा था।
मरीज को लेने सतना आई थी एम्बुलेंस :---
एम्बुलेंस के ड्राइवर का गुनाह यहीं खत्म नहीं हुआ। पूछताछ में ड्राइवर ने डीएचओ को बताया कि रामपुर बघेलान के खजुरिहा निवासी ५० वर्षीय माधव कोल के पैर का एक माह पहले सतना स्थित एक निजी अस्पताल में आपरेशन हुआ था। मंगलवार को वह फालोअप के लिए सतना आया था। इसी पेशेंट को सतना से उसके गांव ले जाने के लिए ड्राइवर रामसिया रावत , रामपुरबघेलान की सरकारी एम्बुलेंस लेकर सतना आया था।
ड्राइवर पर गिरेगी गाज :-----
मामला संज्ञान में आने पर सीएमएचओ डा. एके अवधिया ने कहा कि जांच पूरी होते ही ड्राइवर रामसिया रावत को सेवा से मुक्त कर दिया जाएगा। ड्राइवर की भर्ती रोगी कल्याण समिति के अंतर्गत की गई थी। बीएमओ डा.राघवेन्द्र गुर्जर ने भी माना कि एम्बुलेंस नंबर एमपी १९ जीए २९६१ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की गाड़ी है, लेकिन ड्राइवर ने सतना जाने की जानकारी उन्हें नहीं दी थी। उल्लेखनीय है वर्ष २०१५ में विधायक निधि से यह एम्बुलेंस अस्पताल मिली थी। एआरटीओ में इसका पंजीयन अस्पताल के नाम पर वर्ष २०१५ की २३ जुलाई को कराया गया था।
इनका कहना है:---
डीएचओ ने वस्तु स्थिति से अवगत कराया है। मामला गंभीर है। रिपोर्ट मांगी गई है। जल्दी ही दोषी ड्राइवर की सेवाएं समाप्त कर दी जाएंगी।
डा. एके अवधिया, सीएमएचओ