को-ऑपरेटिव बैंक घोटाला : अजित पवार को हाईकोर्ट से मिली राहत, जांच पर रोक

को-ऑपरेटिव बैंक घोटाला : अजित पवार को हाईकोर्ट से मिली राहत, जांच पर रोक

Bhaskar Hindi
Update: 2017-10-11 03:11 GMT
को-ऑपरेटिव बैंक घोटाला : अजित पवार को हाईकोर्ट से मिली राहत, जांच पर रोक

डिजिटल डेस्क, मुंबई। बांबे हाईकोर्ट से महाराष्ट्र स्टेट को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड में करोडों की वित्तीय गड़बड़ी को लेकर आरोपों से घिरे राज्य के पूर्व उपमुख्यमंत्री और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नेता अजित पवार को राहत मिली है। हाईकोर्ट ने मामले को लेकर पावर और अन्य आरोपियों के खिलाफ जारी जांच पर रोक लगा दी। सभी पर आरोप था कि 2007 से 2011 के दौरान बैंक को करोड़ो रुपए की चपत लगी है। 

जांच पर रोक लगी
जांच पर रोक लगाने की मांग को लेकर मामले के आरोपी मानिक राव पाटील ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। न्यायमूर्ति आरएम सावंत की खंडपीठ ने याचिका पर सुनवाई करते हुए मामले को लेकर चल रही जांच पर रोक लगा दी। याचिका में मुख्य रुप से सरकार की ओर से को- ऑपरेटिव सोसायटी जांच को पूरा करने के लिए बढ़ाई गई समय सीमा को चुनौती दी गई थी। याचिका में कहा गया था कि पुराने नियमों के मुताबिक जांच के आदेश के बाद जांच ढाई साल के भीतर पूरी होनी चाहिए। इस मामले में  मई 2014 में जांच का आदेश दिया गया था, लेकिन जांच तय समय में पूरी नहीं हुई। जांच की अवधि समाप्त हो चुकी है, लिहाजा इसे अब फिर से नहीं शुरू किया जा सकता। 

आरोपियों को अंतरिम राहत
याचिका में मांग की गई थी कि सरकार की ओर से जांच की अवधि बढ़ाने को लेकर कानून में किए बदलाव को रद्द कर दिया जाए और अंतरिम राहत के तौर पर शुरु की गई जांच पर रोक लगाई जाए। खंडपीठ ने याचिका पर गौर करने के बाद आरोपियों को अंतरिम राहत प्रदान की और कहा कि वे कानून में किए गए बदलाव को रद्द करने के विषय में विस्तार से सुनवाई के बाद निर्णय लेंगे।

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