फर्जीवाड़ा रोकने स्कूलों में बच्चों का दाखिला आधार कार्ड से जुड़ेगा 

मुंबई फर्जीवाड़ा रोकने स्कूलों में बच्चों का दाखिला आधार कार्ड से जुड़ेगा 

Bhaskar Hindi
Update: 2023-01-27 14:58 GMT
फर्जीवाड़ा रोकने स्कूलों में बच्चों का दाखिला आधार कार्ड से जुड़ेगा 

डिजिटल डेस्क, मुंबई। फर्जीवाड़ा को रोकने के लिए प्रदेश के स्कूलों में विद्यार्थियों के दाखिले को अब आधार कार्ड के साथ जोड़ा जाएगा। दाखिले के फार्म के साथ अभिभावकों को भी आधार कार्ड देना आवश्यक होगा। बीड़ में फर्जी विद्यार्थी दिखाकर सरकारी अनुदान और विभिन्न योजनाओं में भ्रष्टाचार का मामला सामने आने के बाद प्रदेश सरकार ने यह कदम उठाया है। इसके तहत विद्यार्थियों के दाखिले में फर्जीवाड़ा करने वाले स्कूल के संबंधित लोगों के खिलाफ मामला दर्ज होगा। साथ ही सरकार संबंधित स्कूल की मान्यता रद्द कर सकती है। शुक्रवार को स्कूली शिक्षा विभाग ने विद्यार्थियों को विद्यालयों में प्रवेश देने के संबंध में एक परिपत्र के जरिए दिशानिर्देश जारी किया है। इसके मुताबिक बच्चों के दाखिले के लिए स्कूल प्रबंधन समिति अब प्रवेश देखरेख समिति के रूप में काम करेगी। यह समिति बच्चों के प्रवेश प्रक्रिया पर देखरेख व नियंत्रण रखेगी। स्कूलों को बच्चों को प्रवेश देते समय अभिभावकों से दो प्रति में प्रवेश फार्म भरवाना होगा। जिसमें से एक प्रति केंद्र प्रमुख के पार रखनी होगी। जबकि दूसरी प्रति स्कूल प्रबंधन समिति के पास जमा होगी। प्रवेश फार्म पर अभिभावक का हस्ताक्षर अनिवार्य होगा। फार्म पर अभिभावक और विद्यार्थी का फोटो लगाना होगा। किन्हीं कारणों से अभिभावक के आधार कार्ड जमा न करने पर बच्चों को स्कूल को अस्थायी दाखिला देना पड़ेगा। मगर ऐसे मामलों में बच्चे और अभिभावक का आधार्ड कार्ड जमा कराने की शर्त लागू रहेगी। स्कूलों को प्रत्येक महीने के आखिर में विद्यार्थियों का हाजिरी रजिस्टर की प्रति संबंधित शिक्षाधिकारी शिक्षा निरीक्षक, समूह शिक्षाधिकारी अथवा केंद्र प्रमुख को सौंपनी होगी। शिक्षाधिकारी को राज्य के निजी अनुदानित, आंशिक अनुदानित, स्थानीय स्वराज्य संस्थाओं, स्वयं वित्त पोषित स्कूलों में दाखिला पाने वाले विद्यार्थियों की जानकारी स्कूली शिक्षा विभाग की वेबसाइट पर प्रकाशित करने के बारे में सुनिश्चित करना होगा।

रद्द हो सकती है स्कूल की मान्यता, दाखिल होगा एफआईआर 

बच्चों के दाखिले में अनियमितता पाए जाने पर शिक्षाधिकारी को  स्कूल का अनुदान वापस लेने, अनुदान को रोकने अथवा स्कूल की मान्यता को रद्द करने के बारे में शिक्षा निदेशक के माध्यम से तत्काल सरकार को प्रस्ताव भेजना होगा। संबंधित शिक्षाधिकारी, शिक्षा निरीक्षक, समूह शिक्षाधिकारी अथवा केंद्र प्रमुख को साल भर में दो बार स्कूलों में जाकर विद्यार्थियों का नाम और प्रवेश आवेदन के ब्यौरे की प्रत्यक्ष पड़ताल करनी होगी। इसमें विसंगती मिलने पर उसकी जांच एक महीने के भीतर शिक्षाधिकारी, शिक्षा निरीक्षक, समूह शिक्षाधिकारी अथवा केंद्र प्रमुख को करना होगा। ऐसे मामले में संबंधित स्कूल का आवश्यक रजिस्टर व कागजात जब्त करने का अधिकार संबंधी अधिकारी के पास होगा। जांच में अनियमितता और दुरुपयोग मिलने पर शिक्षाधिकारी, शिक्षा निरीक्षक, समूह शिक्षाधिकारी, केंद्र प्रमुख को संबंधित पुलिस स्टेशन में एफआईआर दर्ज करना होगा। 

बीड़ में फर्जी विद्यार्थी दिखाकर अफसरों ने किया था भ्रष्टाचार 

बीड़ जिले में फर्जी विद्यार्थियों की हाजिरी संख्या को दिखाकर स्कूल चालक और शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने सरकार की विभिन्न योजनाओं द्वारा लाखों रुपए का भ्रष्टाचार किया था। जिस पर  सुनवाई के दौरान बाम्बे हाईकोर्ट की औरंगाबाद खंडपीठ ने दाखिले मे कथित भ्रष्टाचार को रोकने के लिए सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति पी वी हरदास की अध्यक्षता में समिति गठित की थी। हरदास समिति ने हाईकोर्ट को 1 जुलाई 2022 को अपनी रिपोर्ट सौंप दिया है। इस रिपोर्ट को सरकार ने स्वीकारते हुए अब दाखिले को लेकर नए दिशानिर्देश जारी किए हैं। 
 

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