आपदा से बचने बनेगा एक्शन प्लान, रिपोर्ट पर तैयार होगा प्रोटोकॉल
आपदा से बचने बनेगा एक्शन प्लान, रिपोर्ट पर तैयार होगा प्रोटोकॉल
डिजिटल डेस्क, नागपुर। सरकार ने सभी विभागों को आपदा से बचने के लिए एक्शन प्लान तैयार करने की जिम्मेदारी दी है, जिसे शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय एवं अस्पताल (मेडिकल) द्वारा प्रस्तुत कर दिया गया है। विशेष बात यह है कि शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय एवं अस्पताल (मेडिकल) में पिछले दिनों विषबाधा के मामले में 32 बच्चे आने पर एक्शन प्लान की कार्यप्रणाली को भी देख लिया गया, जो उचित काम कर रही है। जल्द ही सभी विभागों की रिपोर्ट के आधार पर एक प्रोटोकॉल तैयार होगा, जिसमें अस्पतालों के अलावा प्रशासन के विभिन्न विभागों को भी बिना बताए अपनी जिम्मेदारी निभाने के लिए कार्य में जुट जाने की जानकारी होगी।
नागपुर इसलिए है महत्वपूर्ण
नागपुर को इसलिए महत्वपूर्ण माना जाता है, क्योंकि यह नक्सल प्रभावित गड़चिरोली और छत्तीसगढ़ से लगा हुआ है। वहीं नागपुर में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का मुख्यालय है, जहां पूर्व में एक बार आतंकी हमला हो चुका है। इसके अलावा नागपुर में हमेशा राजनीतिक गतिविधियां होती रहती है।
इन परिस्थितियों में रहना होगा अलर्ट
हीटवेब, आग की बड़ी घटना, डिजास्टर में कोई बड़ी बिल्डिंग का गिरना, कैमिकल वॉर, साइक्लोन, विस्फोट या बम धमाका या किसी प्रकार की प्राकृतिक आपदा आदि में अस्पताल को अलर्ट रहना होगा। आपदा आने पर श्रेणीबद्ध तरीके से योजना पर काम करना होगा। इमारत में कोई घटना होती है, तो उससे प्रत्येक व्यक्ति को बाहर कैसे निकाल जाएगा। इसमें प्राकृतिक आपदा और मानवनिर्मित दोनों ही स्थितियों को शामिल किया गया है। इन सब में अस्पतालों की भूमिका बड़ जाती है, क्योंकि प्राकृतिक आपदा में उनको अपने संस्थान को संभालने के साथ ही उपचार का जिम्मेदारी भी संभालनी होगी।
तय नीति पर काम करेंगे अस्पताल
सरकार एक्शन प्लान के आधार पर एक नीति तैयार करेगी, जो राज्यभर में लागू होगी। उसमें अस्पताल में काम करने वाले सफाई कर्मचारी, नर्सिंग स्टॉफ, वरिष्ठ डॉक्टर, निवासी डॉक्टर, एंबुलेंस चालक से लेकर पुलिस और प्रशासन को अपना मोर्चा संभालने की जानकारी होगी कि उन्हें तत्काल क्या करना है। इतना ही नहीं आपदा की स्थिति में सबसे पहले मरीजों को भर्ती करने की व्यवस्था करने से लेकर इमरजेंसी हेतु वॉर्ड आरक्षित रखना या फिर उसके मरीजों को शिफ्ट कर समय-समय पर खाली करने की योजना बनानी होगी। वहीं, डिजास्टर में स्वास्थ्य सुविधा देने वाले स्टॉफ को बुलाकर जिम्मेदारी सौंपना। वहीं, यदि रास्ते बंद है तो फिर अस्पताल के स्टॉफ को वहां शिफ्ट कर मरीजों को उपचार देना। दवाओं सहित अन्य सामान को अतिरिक्त रखना होगा, जिससे आपदा स्थिति से निपटा जा सके।