शहर की सड़कों पर जगह-जगह गड्ढों से हो रही दुर्घटनाएं , किसी अफसर पर दर्ज नहीं हुआ मामला
शहर की सड़कों पर जगह-जगह गड्ढों से हो रही दुर्घटनाएं , किसी अफसर पर दर्ज नहीं हुआ मामला
डिजिटल डेस्क, नागपुर। बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर खंडपीठ में सड़क पर गड्ढों की समस्या और उनसे होने वाली दुर्घटनाओं के मुद्दे पर केंद्रित याचिका पर सुनवाई हुई। बीती सुनवाई में हाईकोर्ट ने पुलिस को गड्ढों के लिए जिम्मेदार ठेकेदारों और प्रशासनिक अधिकारियों के खिलाफ जांच करके आपराधिक मुकदमा दर्ज करने के आदेश दिए थे, लेकिन जब पुलिस ने अपना शपथपत्र कोर्ट में प्रस्तुत किया, तो उसमें सामने आया कि, पुलिस ने गड्ढों और दुर्घटनाओं को लेकर मनपा के किसी अधिकारी पर आपराधिक मामला दर्ज नहीं किया गया है। हां, दो हादासों से जुड़े ठेेकेदारों पर जरूर मामला दर्ज हुआ है।
पुलिस के इस शपथपत्र का न्यायालयीन मित्र एड. राहिल मिर्जा ने विरोध किया। उन्होंने कोर्ट को बताया कि, नियमानुसार सड़क के रख-रखाव के लिए अधिकारियों की जिम्मेदारी बनती है। यह मालूम होते हुए कि, सड़क पर गड्ढे हैं और उससे हादसे होने की संभावना है, कोई कार्रवाई नहीं करना आपराधिक लापरवाही की श्रेणी मंे आता है। इस मामले में नरेंद्र नगर निवासी डॉ. संजय देवतले ने मध्यस्थी अर्जी दायर की। उनके अधिवक्ता आर.पी. जोशी ने कोर्ट में दलील दी कि, नियमानुसार इस लापरवाही के लिए मनपा के कनिष्ठ अभियंताओं पर आपराधिक मामले दर्ज होने चाहिए। सभी पक्षों को सुनकर हाईकोर्ट ने सोमवार को मामले की अगली सुनवाई रखी है।
कोर्ट ने यह भी टिप्पणी की कि, पुलिस के जवाब से वे संतुष्ट नहीं है। पिछली सुनवाई में पुलिस आयुक्त भूषणकुमार उपाध्याय ने शपथपत्र में कोर्ट को जानकारी दी कि, बीते पांच महीनों में गड्ढों के कारण 22 हादसे हुए हैं। जिसमें एक व्यक्ति की मृत्यु और 28 लोग जख्मी हुए हैं। इस मामले में संबंधित ठेकेदारों और आधिकारियों के खिलाफ भादंवि की धारा 166,283, 217 और 304-ए के तहत मामला बनता है। पुलिस आयुक्त ने कोर्ट को बताया कि, ट्राफिक सेल और ट्रैफिक उपायुक्त ने बार-बार मनपा, एनएचएआई, पीडब्लूडी, महामेट्रो और संबंधित अन्य विभागों को को पत्र लिखकर बार-बार गड्ढे बुझाने की सूचना भी दी, लेकिन इस पर अमल नहीं हुआ।