सरकारी से प्रायवेट हुई चित्रकूट की ८ एकड़

सतना सरकारी से प्रायवेट हुई चित्रकूट की ८ एकड़

Bhaskar Hindi
Update: 2022-03-16 11:28 GMT
सरकारी से प्रायवेट हुई चित्रकूट की ८ एकड़

डिजिटल डेस्क , सतना। धर्मनगरी चित्रकूट की रजौला पटवारी हलके की सरकारी से निजी हुई ४५.२८ एकड़ बहुचर्चित भूमियों (आराजी नंबर-१०२) के एक अंश भाग की ८.०७५ एकड़ ( आराजी नंबर १०२/१/८) भूमि के क्रय-विक्रय पर कलेक्टर अनुराग वर्मा की कोर्ट ने तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी है। उल्लेखनीय है, इससे पूर्व वर्ष २०२१ की १७ फरवरी को उक्त ४५.२८ एकड़ के ३६ एकड़ अंशभाग को तत्कालीन कलेक्टर अजय कटेसरिया की कोर्ट ने निजी स्वत्व घोषित कर दिया था। इससे पहले राजस्व रिकार्ड में यह भूमि मध्यप्रदेश शासन चरनोई दर्ज थी। जानकारों के मुताबिक इस मामले का एक पहलू यह भी है कि बावजूद इसके  शासकीय से निजी स्वत्व घोषित उक्त भूमियों का रिकार्ड अभी तक दुरुस्त नहीं था। यह भूमि है जिस पर ग्रामोदय विश्व विद्यालय की भी नजर थी।   
आम आदमी की याचिका पर आदेश :—
इस संबंध में प्राप्त जानकारी के अनुसार आम आदमी की ओर से अधिवक्ता प्रकाश नारायण मिश्रा पिता राजेन्द्र मिश्रा निवासी बम्हौरी ने मध्यप्रदेश भूराजस्व संहिता १९५९ की धारा- १५ के तहत कलेक्टर कोर्ट में पुर्नविलोकन याचिका दायर करते हुए १७ फरवरी २०२१ के कलेक्टर कोर्ट के आदेश को चुनौती दी थी। याचिका में कहा गया था कि वर्ष २००३-२००४ में तबके कलेक्टर ने स्व प्रेरणा के तहत प्रकरण दर्ज किया था। जुलाई २००६ में मौजा रजौला स्थित भूमि खसरा नंबर १०२ के ४५.२८ रकबा में से अंश रकबा ३६ एकड़ मध्यप्रदेश शासन चरनोई दर्ज करने के आदेश दिए थे। इस मामले में रामविशाल अहीर, रामचंद्र अहीर, भैय्यादीन, रामअसारे अहीर सभी निवासी बंदरकोल तहसील कर्वी (चित्रकूट)और मध्यप्रदेश शासन भी पार्टी है। 
अभी ऐसे ही हैं ८ और मामले :—
रजौला पटवारी हलके की बहुचर्चित आराजी नंबर १०२ कालांतर में कुल ९ टुकड़ों में बंटकर आराजी नंबर १०२/१/१ , १०२/१/२, १०२/१/३, १०२/१/४, १०२/१/५, १०२/१/६, १०२/१/७, १०२/१/८ और १०२/१/९ के रुप में निजी स्वत्व में चली गई। उल्लेखनीय है, अभी इनमें से महज आराजी नंबर १०२/१/८ की  ८.०७५ एकड़ भूमि की खरीदी-बिक्री पर प्रतिबंध लगाया गया है। जानकारों ने बताया कि यह वही भूमि है, जहां से भारत माला प्रोजेक्ट के तहत वर्ष २०१७ में फोर लेन रोड प्रस्तावित की गई थी।  प्रोजेक्ट की भनक के साथ ही भूमाफिया की आंखों में चमक आ गई थी। इन्हीं जानकारों ने बताया कि कलेक्टर के इस फैसले से यहां के एक बड़े और बहुचर्चित कारोबारी को एक बार फिर से जोर का झटका लगा है।

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