मुंबई की सड़कों पर हर रोज आते हैं 700 नए वाहन

मुंबई की सड़कों पर हर रोज आते हैं 700 नए वाहन

Bhaskar Hindi
Update: 2018-01-19 15:26 GMT
मुंबई की सड़कों पर हर रोज आते हैं 700 नए वाहन

डिजिटल डेस्क, मुंबई। महानगर में औसतन रोजाना 700 नई गाड़ियां सड़कों पर उतर रहीं हैं। मुंबई में पिछले 35 सालों में गाड़ियों की संख्या 3 लाख 20 हजार से बढ़कर 32 लाख तक पहुंच गई है। इनमें से भी 12 लाख गाड़ियां पिछले पांच सालों में सड़कों पर उतरीं हैं। जानकारों के मुताबिक निर्माण में तेजी और मासिक किश्त पर गाड़ियों की उपलब्धता गाड़ियों में हो रही बढ़ोतरी की प्रमुख वजह है। गाड़ियों की बिक्री अगर इसी रफ्तार से जारी रही तो अगले दो-तीन सालों में 10 लाख और गाड़ियां मुंबई की सड़कों पर उतर जाएंगी। महानगर में पिछले कई सालों से सड़कों की लंबाई दो हजार किलोमीटर बनी हुई है। सीमित संभावनाओं के चलते ज्यादा सड़कें नहीं बनाईं जा सकतीं लेकिन गाड़ियों की संख्या लगातार बढ़ रही है। इसके चलते महानगर में ट्रैफिक की समस्या भयंकर रूप लेती जा रही है।


दोगुनी रफ्तार से बढ़ रहे दुपहिया 

एक सामाजिक संस्था द्वारा किए गए अध्ययन से पता चला है कि सड़क पर उतरने वाली गाड़ियों में बड़ी संख्या दुपहिया, ऐप आधारित टैक्सियों और स्कूली बसों की है। कारों के मुकाबले दुपहिया दुगनी रफ्तार से बिक रहे हैं। यातायात के जानकार अशोक दातार के मुताबिक शहर में दस लाख कारें और 18 लाख दुपहिया वाहन हैं। बढ़ते वाहनों के चलते दुर्घटना के मामलों में भी बढ़ोतरी हो रही है। चार साल पहले शुरू हुई ऐप आधारित टैक्सियां अब 45 हजार तक पहुंच गईं हैं। वहीं साल 2000-01 में महानगर में स्कूल बसों की संख्या सिर्फ सात सौ थी जो अब बढ़कर तीन हजार 775 तक पहुंच गई है। 


20 किमी रह गई रफ्तार

वाहनों की बढ़ती संख्या के चलते अब मुंबई में सड़कों पर औसत रफ्तार 45 किलोमीटर प्रतिघंटा से घटकर 20 किलोमीटर प्रतिघंटा रह गई है। इसके अलावा पार्किंग भी एक विकराल समस्या बनती जा रही है। हालांकि सिंगापुर और लंदन जैसे शहरों में मेट्रो शुरु होने के बाद जिस तरह सड़कों पर ट्रैफिक में कमी आई है, उसी तरह की उम्मीद महानगर में भी की जा रही है। खासकर कुलाबा से दहिसर और ठाणे तक पहुंचने वाली मेट्रो ट्रेन ट्रैफिक कम करने में काफी मददगार साबित हो सकती है। 

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